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कोसी में रहना है तो देह चलाना सीखो !

पुष्यमित्र नदियों का इलाका है। छोटे छोटे काम के लिए नाव से दो नदी, तीन नदी पार करना, दियारा के इलाके में कई कई कोस पैदल चलना यहां आम बात है। औरतें रोज घास काटने के लिए इतना सफर दौड़ते कूदते कर लेती हैं। थकती नहीं हैं, सफर में खूब बतियाती हैं, अजनबी लोगों को रास्ता दिखाती हैं। घुटने भर कीचड़ में पांव डालने में घबराती नहीं हैं। सिर पर घास का गट्ठर लादे फोन पर दूर देस में रोजगार कर रहे अपने बेटे से बतियाती हैं। घर की मुसीबतें,Read More


कुशहा त्रासदी के तेरह साल और उसके सबक

पुष्यमित्र आज कुशहा त्रासदी के 13 साल हो गये। 2008 में आज के ही दिन नेपाल के कुशहा में पूरी की पूरी कोसी नदी तटबंध को तोड़ कर नये इलाके में बहने लगी थी। वह बाढ़ की सामान्य घटना नहीं थी। वह कोसी नदी की बगावत थी। वह तटबंधों के बीच नहीं बहना चाहती थी। उसने नया रास्ता चुन लिया था। पहले नदी भीमनगर से भपटियाही, नवहट्टा, महिषी, कोपरिया होते हुए खगड़िया जिले की सीमा को छूते हुए 70-80 डिग्री का कोण बनाती थी और फिर गंगा नदी के समानांतरRead More


कोसी के बरगद

पुष्यमित्र इस तस्वीर में तीन सज्जन हैं। दाहिनी तरफ बैठे सज्जन जो इनमें सबसे कम उम्र के हैं और शेष दोनों के भतीजे हैं 83 वर्ष के हैं। बाईं तरफ बैठे सज्जन 91 वर्ष के हैं। बीच में बैठे सज्जन जो अपने पनबट्टे को सुलझाने में व्यस्त हैं 97 साल के हैं। सुपौल जिले के शिबनगर गांव के ये तीनों सज्जन आज भी सक्रिय हैं और अपने अध्यवसाय से अपने बच्चों के परिवार की भरपूर मदद कर रहे हैं। ये अपने परिवार पर भार नहीं, उनके लिए बड़ा सहारा बनेRead More


विश्व बैंक से लिया अरबों का कर्ज कोशी में डूबा

10 साल में केवल 26 प्रतिशत पीडितों का ही बना घर पटना.कोशी त्रासदी 2008 में आयी थी और तबाही को गुजरे 10 वर्ष हो गये। त्रासदी-पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने विश्व बैंक से दो बार कर्ज लिया। लेकिन सिर्फ 26 प्रतिशत क्षतिग्रस्त घर बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर बनाने की योजना बंद करा दी। इसके बदले वह जन सभाओं में पहले से बेहतर कोशी के निर्माण का दावा कर रहे हैं। सरकार ने इस राष्ट्रीय आपदा के जांच के लिए न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया था। आयोगRead More


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