Intetnational Yoga Day
85,000 करोड़ रुपये की योग इंडस्ट्री ; राजनीति का औजार
Sanjay Shriwastava राजनीति चमकाने और पैसा बनाने में योग का अतिरेकी इस्तेमाल इसके मूल सत्य को भुला और गरिमा को गिरा देगा ऐसा नहीं है कि सर्वग्राही योग पर किसी खास दल का कब्जा या वह किसी खास बाबा की बपौती हो। जदयू जैसे तमाम दलों की इससे दूरी का क्या मतलब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सफल रहा, मीडियाई कवरेज से तो ऐसा ही लगता है, संसार भर के तमाम देशों में, समुद्र की सतह पर, बर्फीले पहाडों की ऊंचाइयों पर,मैदानों, स्कूलों, गलियों तक योग की धूम रही। इस सारे क्रियाकलापोंRead More
योग : स्वामी सत्यानंद ने जैसा कहा था, वैसा ही हुआ
Kishor kumar साठ के दशक में मुंगेर में गंगा के तट पर बिहार योग विद्यालय की स्थापना करते हुए आधुनिक युग में यौगिक व तांत्रिक पुनर्जागरण के प्रणेता परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने कहा था –“ योग अतीत के गर्भ में प्रसुप्त कोई कपोल-कथा नहीं है। यह वर्तमान की सर्वाधिक मूल्यवान विरासत है। यह वर्तमान युग की अनिवार्य आवश्यकता और आने वाले युग की संस्कृति है। योग विश्व की संस्कृति बनेगा।“ उन्होंने योग को लेकर ऐसी भविष्यवाणी वैसे समय में की थी, जब माना जाता था कि योग केवल त्यागी,Read More