Indian Politice
परसेप्शन वार की राजनीति में सच सबसे नाजुक दौर में
पुष्यमित्र रवीश भले कहते रहें टीवी कम देखीये, मगर गांव आकर पता चल रहा है, टीवी वाले अपना काम बखूबी कर चुके हैं। यहां सबको मालूम है कि प्रधान मंत्री मोदी ने पकिस्तान को धूल चटा दी है। पकिस्तान ने उनके दहशत में आकर अभिनंदन को छोड़ा है। पूरी दुनिया में मोदी जी की तूती बोल रही है। और तो और पटना की संकल्प रैली में ऐसी भीड़ उमड़ी थी जैसी कई वर्षों में नहीं उमड़ी। अगर आप इन बातों पर असहमति जताते हैं तो जाहिर सी बात है आपRead More
गोपालगंज में जनकराम, गया में हरी मांझी हैं भाजपा के लिए जरूरी
जानिए क्यों नहीं कट सकता है गोपालगंज में भाजपा से जनकराम का टिकट विशेष संवाददाता, बिहार कथा. गोपालगंज. सियासी बयार में राजनीति का उंट कब किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गोपालगंज से भाजपा के सांसद जनक राम के टिकट काटने को लेकर कई लोग कयास लगा रहे हैं. इसको लेकर सोशल मीडिया में भी कंपने चलाए गए. लेकिन क्या होगा आगे, क्या कटेगा जनकराम का टिकट इसको लेकर कंपेन चलाने वाले लोगों में संशय बरकरार है. चुनाव की राजनीति वोटों केRead More
मंत्री पद के लिए क्यों होती है मारामारी-2
‘चेयर प्रैक्टिस’ ही है आकर्षण की वजह वीरेंद्र यादव विधायकों का वेतन व भत्ता का निर्धारण संसदीय कार्य विभाग करता है, जबकि मंत्रियों के वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाओं का निर्धारण मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग करता है। वेतन व क्षेत्रीय भत्ता विधायक और मंत्रियों को समान मिलता है। इसके अलावा अन्य सुविधाएं अलग-अलग हैं। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अनुसार, मंत्रियों को दैनिक भत्ता प्रतिदिन 2000 रुपये मिलते हैं। मंत्री बिहार में हों या बिहार से बाहर, उनके दैनिक भत्ता पूरे महीने का मिलता है। इनके दैनिक भत्ते में कटौती नहीं होतीRead More
कटिहार: बर्खास्त राज्यपाल बन गये थे सांसद
वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 27 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) ———————————————— सांसद — कटिहार — तारिक अनवर — मुसलमान (इस्तीफा) विधान सभा क्षेत्र — विधायक — पार्टी — जाति कटिहार — तारकिशोर प्रसाद — भाजपा — बनिया कदवा — शकील अहमद खान — कांग्रेस — मुसलमान बलरामपुर — महबूब आलम — माले — मुसलमान प्राणपुर — विनोद सिंह — भाजपा — कुशवाहा मनिहारी — मनोहर सिंह — कांग्रेस — आदिवासी बरारी — नीरज कुमार — राजद — यादव ————————————————– 2014 मेंRead More
अपनी ही रियासत में चुनाव हार गये थे दरभंगा महाराज, 2019 में क्या होगा?
वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 25 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) बिहार की प्रमुख रियासतों में एक था दरभंगा राज। संभवत: सबसे बड़ी रियासत। दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह संविधान सभा के सदस्य भी थे। संविधान को अंतिम रूप में उनकी बड़ी भूमिका था। लेकिन इससे भी बड़ा तथ्य यह है कि महाराज कामेश्वर सिंह अपनी की रियासत के तहत आने वाले दरभंगा नार्थ से 1952 में लोकसभा चुनाव हार गये थे। 1952 में दरभंगा के नाम से चार लोकसभा सीट थी।Read More