Indian Politice

 
 

क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल !

क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल ! पुष्यमित्र आनंद मोहन, पप्पू यादव, शाहबुद्दीन, मुन्ना शुक्ला, अनंत सिंह, वगैरह वगैरह। ये कुछ नाम हैं, जो महज डेढ़ दो दशक पहले तक बिहार में आतंक के पर्याय थे। आज इनमें से कुछ जेल की सजा काट रहे, कुछ जेल में दिवंगत हो गए, कुछ सुधर गए और बाहर सज्जन की तरह जी रहे हैं। जब इनकी तूती बोलती थी तो किसी ने सोचा नहीं था कि इन्हें कोई नियंत्रित कर पाएगा। मगर अब इनमें से किसी का खौफ लोगों पर नहीं है। सचRead More


निर्णयों पर प्रभाव डालने वाली सत्ता की आवश्यकता ?

प्रभावी निर्णय लेने और निर्णयों पर प्रभाव डालने वाली सत्ता की आवश्यकता ? प्रो. विवेक कुमार — भारत की प्रथम आदिवासी महिला का राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने का स्वागत है. यह भारतीय राजनीति के लिए ही नहीं पूरे भारतीय समाज के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. सभी को बधाई. लेकिन यहां कुछ तथ्यों पर प्रकाश डालना आवश्यक है. पहला, जब कोई तथाकथित सामान्य वर्ग की अस्मिता वाला व्यक्ति भारत का महामहिम राष्ट्रपति बनता है तो समाचार पत्र या टीवी चैनल कभी भी उसकी अस्मिता से जोड़कर उसके पदRead More


क्या कांग्रेस के कुछ दिग्गज केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए करते हैं गांधी परिवार को बदनाम !

राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के खिलाफ G-23 रच रहा साजिश, रंजीत रंजन का बड़ा आरोप कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को कहा कि जी -23 यानी का असंतुष्ट नेताओं का समूह सिर्फ राज्यसभा सीट पाने के लिए पार्टी के खिलाफ साजिश रच रहा है। गौरतलब है कि शनिवार को जम्मू में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का जमावड़ा हुआ था। नई दिल्ली, एएनआई। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को कहा कि जी -23 यानी का असंतुष्ट नेताओं काRead More


डमी पार्टियों पर चुनाव आयोग का ब्रेक

डम्मी पार्टियों का दौर  वीरेंद्र यादव, पटना। चुनाव में उम्मीदवार अपने खर्चे को छुपाने के लिए डम्मी उम्मीदवार खड़ा किया करते थे। चुनाव आयोग की सख्ती ने डम्मी उम्मीदवार पर अंकुश लगाया है। कई बार डम्मी उम्मीदवार से मेन उम्मीदवार चुनाव हार गये। इससे डम्मी उम्मीदवार का दौर समाप्त् हो गया है। अब डम्मी पार्टी का दौर शुरू हो गया है। अब बड़ी पार्टियां अपने जातीय आधार और कुनबे को विस्तार देने के लिए डम्मी पार्टियों को सपोर्ट कर रही हैं। ये बड़ी पार्टियों छोटी पार्टियों को टिकट के साथRead More


अबकी मुकेश साहनी के सीने में ‘भोंका’ खंजर

अबकी सीने में ‘भोंका’ खंजर वीरेंद्र यादव, पटना। बिहार सरकार में मंत्री हैं मुकेश सहनी। मल्लाह हैं। मछली से साथ जाति का रिश्ताकहै। उन्होंने अपना चुनाव चिह्न भी नाव रखा है। अभी किसी सदन में सदस्य नहीं हैं। वह छह साल के लिए एमएलसी बनना चाहते थे। भाजपा ने डेढ़ साल में निपटा दिया। रविवार की दोपहर तक डेढ़ साल की सदस्यता स्वीकार नहीं कर रहे थे, लेकिन भाजपा के नेता अमित शाह के इलाज के बाद घुटने टेक दिये। वे सोमवार को विधान परिषद में विनोद नारायण झा केRead More


Vuln!! Path it now!!

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गोपालगंज के लोकल मुद्दे पर जनता से वोट मांगेंगे आफिस गफूर

महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर ने भरा नामांकन, राजद के वरिष्ठ नेता  रामनाथ साहू बने प्रस्तावक नामांकन के बाद मीडिया से आसिफ ने कहा  – गोपालगंज में जनप्रतिनिधि की कमजोरी से अफसरशाही हुई मजबूत संवाददाता,गोपागलंज. महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर ने ने कांग्रेस के टिकट पर 101 गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से कलेक्टेरियट में नामांकन किया. महागठबंधन के मुख्य घटकदल राजद के वरिष्ठ नेता व सीनियर एडवोकेट रामनाथ साहू आसिफ गफूर के प्रस्तावक बने. आफिस गफूर ने एक ही सेट में पर्चा दाखिल किया. नामांकन से पहले घोष मोड परRead More


एक फोन आया और किस्‍सा खत्‍म, विधायकों के भी सूख रहे हलक

वीरेंद्र यादव, पटना। अभी बिहार की राजनीति की सांस अटक गयी है। टिकट के दावेदार ही नहीं, विधायक का हलक भी सूख रहा है। राजद ने अपने आधा दर्जन विधायकों का टिकट काट दिया है तो लगभग इतने ही विधायकों ने पहले ही राजद का दामन छोड़ कर नीतीश का तीर थाम लिया था। लेकिन ऐसे ‘नाद फेरु’ विधायकों का‍ टिकट भी अभी कंफर्म नहीं है। सभी पार्टियों को मिलाकर कम से कम दो दर्जन विधायक अपनी पार्टी के टिकट से बेपटरी हो सकते हैं। पिछले दो-तीन दिनों में कईRead More


असली सन आफ मल्लाह कौन ?

Nirala Bidesia खबर है कि महागंठबन्धन के प्रेस कांफ्रेंस से ही सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी बाहर निकल गए। निकलते हुए कहे कि उनके पीठ में छूरा मारा गया। संभव है कल को मुकेश फिर महागंठबन्धन में ही आ जाए। यह कोई आश्चर्यजनक बात नही होगी। संभव है एनडीए में आ जाए। संभव है अब दोनों में कोई भाव न दे। चुनाव के वक्त जब तक सियासी समीकरण दुरुस्त न हो जाए,कुछ भी हो सकता है। होते रहा है। मुकेश सहनी को तेजस्वी ने भाव नही दिया या एनडीए बहुतRead More


गठबंधन की राजनीति का कार्यकर्ताओ पर ‘साइड इफेक्ट’

दुर्गेश यादव दिल्ली में केजरीवाल अकेले चुनाव लड़े भाजपा को हरा दिया कांग्रेस से गठबंधन करके लड़ते भाजपा जीत जाती । कांग्रेस ही भाजपा है और भाजपा ही कांग्रेस है इन दोनों में वही अंतर है जो गंगाधर और शक्तिमान में था । यूपी में अखिलेश भाई कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़े भाजपा की सरकार बन गई । मायावती से गठबंधन कर के लड़े फिर भी भाजपा जीत गई । कर्नाटक में जेडीएस अकेले लड़ा सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गया । राजस्थान , मध्य प्रदेश औरRead More


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