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बिहार की हिडेन हिस्ट्री : नमिनाथ का धनुष

नमिनाथ का धनुष -पुुष्य मित्र जैन धर्म में जिसे पहले निर्ग्रन्थ सम्प्रदाय भी कहा जाता था, क्योंकि पहले इस सम्प्रदाय में कोई ग्रंथ नहीं था, कुल 24 तीर्थंकर थे। वर्धमान महावीर इसके 24वें और आखिरी तीर्थंकर थे, जिनके बारे में आज दुनिया जानती है। मगर उनके अलावा इस धर्म में कई महत्वपूर्ण तीर्थंकर हुए, जिनके विचारों ने वह पृष्ठभूमि तैयार की जिस पर जैन धर्म और भारत में अहिंसा का विचार खड़ा है। नमिनाथ भी ऐसे ही एक तीर्थंकर थे जिन्होंने शिव धनुष की प्रत्यंचा उतार कर रख दी थी।Read More


बिहार की हिडेन हिस्ट्री : प्रज्नतारा- प्रज्ञतारा

बिहार की हिडेन हिस्ट्री :  प्रज्नतारा- प्रज्ञतारा पुष्यमित्र के फेसबुक से साभार यह पांचवीं सदी की बात है। एक अनाथ युवती पूर्वी भारत की गलियों में भटकती थी। बौद्धों के 26वें गुरू पुण्यमित्र की निगाह उस पर पड़ी। पुण्यमित्र को उस युवती में प्रज्ञा नजर आयी, उन्होंने उसे शिक्षा दी। अपना उत्तराधिकारी बनाया और इस तरह प्रज्ञतारा बौद्धों की 27वीं गुरू और संभवतः पहली महिला गुरू बनी। हालांकि कई लोग इस बात को गलत बताते हैं कि प्रज्ञतारा महिला थी। मगर कई लोगों ने प्रज्ञतारा पर खूब शोध किया, इनमेंRead More


बिहार की हिडेन हिस्ट्री : कौण्डिन्य- फुनान वंश का संस्थापक

कौण्डिन्य- फुनान वंश का संस्थापक पुष्यमित्र के फेसबुक timeline से साभार प्राचीन भारत के इतिहास में कई कौण्डिन्य का जिक्र मिलता है। एक कौण्डिन्य उन सात ब्राह्मणों में से एक था जिसने राजकुमार सिद्धार्थ के गौतम बुद्ध होने की भविष्यवाणी की थी और बुद्धत्व प्राप्त होने पर वह सबसे पहले उनका शिष्य बना। उसके साथ के चार अन्य शिष्य उसी की प्रेरणा से गौतम बुद्ध के शिष्य बने थे। हालांकि इतिहास इसके आगे उस कौण्डिन्य के बारे में कुछ नहीं बताता। मगर यहां हम उस कौण्डिन्य के बारे में बातRead More


बिहार की हिडेन हिस्ट्री : आजीवक-मक्खलि गोसाल

आजीवक-मक्खलि गोसाल पुष्यमित्र के facebook  से  ईसा मसीह के चरनी में जन्म लेने से अमूमन 520-30 साल पहले मगध में मक्खलि गोसाल ने अपनी गुहाल में जन्म लिया था। बाद में वह आजीवक सम्प्रदाय का सबसे बड़ा दार्शनिक साबित हुआ। उसके द्वारा स्थापित यह सम्प्रदाय उसकी मृत्यु 15-16 सौ साल बाद तक चलता रहा। यह उस मगध की धरती का सबसे बड़ा संत था, जो एक जमाने में गौतम बुद्ध और वर्धमान महावीर की ज्ञान की तलाश की भूमि रही है। वह मगध जो व्रात्यों और वेद, यज्ञ विरोधी निरीश्वरवादीRead More


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