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क्या पहले से ‘सख़्त’ हो गए हैं भारत के राष्ट्रपति ?

सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि वर्ष 2013 के बाद से, भारत के राष्ट्रपति ने सिर्फ़ तीन मामलों में ही मृत्युदंड पर रोक लगाई है, जबकि 32 याचिकाओं को ठुकरा दिया. अरविंद छाबड़ा. बीबीसी से साभार आधिकारिक आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि मृत्युदंड को चुनौती देने वाली दया याचिकाओं से निपटने में भारत के राष्ट्रपति पहले की तुलना में ज़्यादा सख़्ती बरतने लगे हैं. पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2012 के बहुचर्चित गैंगरेप केस के मुख्य अभियुक्तों में से एक मुकेश सिंह की दयाRead More


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