Gandhi after 100 year and taliban after 20 year

 
 

बीस साल बाद तालिबान और सौ साल बाद गांधी

बीस साल बाद तालिबान और सौ साल बाद गांधी अरुण कुमार त्रिपाठी इतिहास सीधे चलते चलते गोल गोल घूमने लगता है। बड़ी दिखने वाली ताकतें हारने लगती हैं और पराजित दिखने वाले समूह जीतने लगते हैं। जिन मूल्यों की स्थापना के लिए दुनिया कसमें खाती है वे मूल्य ध्वस्त होने लगते हैं और जिन्हें मिटाने के लिए संकल्प लिया जाता है वे विजयी होने लगते हैं। कुछ ऐसा ही अफगानिस्तान में बीस साल बाद तालिबान की वापसी के साथ भी हो रहा है। अमेरिका ने 9/11 के हमले के बादRead More


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