Esteem of educatation

 
 

…यहां के बच्चों का डर कहीं वे मर्दाना कमजोरी के शिकार तो नहीं हो जाएंगे

Vineet Kumar के फेसबुक टाइमलाइन से साभार हिन्दी पट्टी में पैदा हुए अधिकांश बच्चे दसवीं- बारहवीं तक या तो खुद समाज विज्ञान या कला पढ़ना नहीं चाहते और गर चाहें भी तो उनके मां-बाप की इज्ज़त चली जाती है. खासकर लड़कों को तो इस बात का भी डर सताता है कि ये सब पढ़कर कहीं आगे चलकर मर्दाना कमजोरी के शिकार तो नहीं हो जाएंगे ? दहेज की रेट वहीं से स्खलित होने लग जाती है. इस पट्टी से आए लोगों के लिए साइंस पढ़ना रूचि से कहीं ज्यादा सोशलRead More


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