dilip c mandal
लोकतंत्र, ओपनियन मेकिंग और जाति!
दिलीप मंडल लोकतंत्र, ओपनियन मेकिंग और जाति! हर पार्टी के नेता ब्राह्मणों को खुश इसलिए नहीं करना चाहते कि उनकी संख्या ज्यादा है. बात संख्या की नहीं है. संख्या सबकुछ नही है. एक ब्राह्मण पूरे गांव या मोहल्ले की ओपिनियन बनाने की क्षमता रखता है. वह पान दुकान में खड़ा होता है, तो अपनी बात आत्मविश्वास से कहता है. बस और ट्रेन में होता है, तो अपनी बात दम के साथ कहता है. झूठ भी आत्मविश्वास के साथ बोलता है. उसकी बात सुनी और मानी जाती है. वह मीडिया मेंRead More
अग्नि पुराण में पुआल जलाने की कथा
अग्नि पुराण में पराली या पुआल जलाने की कथा। पंडित वी. एस. पेरियार पराली जलाना किसानों की परंपरा है, कल्चर है, धर्म है, इसे रोकना उनकी आस्था का हनन है. एक बार अग्नि देवता किसानों से नाराज हो गये. उनके शाप से किसानों की फसल तैयार होते ही जल जाती थी. किसानों ने अग्नि देवता को खुश करने के लिए विशाल यज्ञ किया. अग्नि देवता ने प्रसन्न होकर वर दिया कि अब किसानों के अनाज को कोई नुकसान नहीं होगा परंतु किसानों को पराली जलाकर अग्नि देवता की भूख शांतRead More
अन्नदाता, मैं आपका शुक्रगुजार क्यों हूं?
अन्नदाता, मैं आपका शुक्रगुजार क्यों हूं? दिलीप मंडल भारत में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जिन्होंने देश को निराश किया है. नेता-अफसर तो उन लोगों में हैं ही जिनकी वजह से देश आज मानव विकास में दुनिया का सबसे गया-बीता देश है. वैज्ञानिकों ने भी देश को नोबेल पुरस्कारों से निहाल कर दिया हो ऐसा नहीं है. हम आम तौर पर पश्चिम की विकसित की गई टेक्नोलॉजी की नकल करके अपनी पीठ ठोकने वाले देश हैं. हमारी श्रेष्ठ प्रतिभाएं आज भी विदेशी कंपनियों के लिए सस्ता लेबर बनने केRead More