Bihar

 
 

‘तेरहवीं’ की तारीख तय कर दी कुशवाहा ने

दिसंबर में केंद्र सरकार से ‘तलाक’ ले सकते हैं उपेंद्र वीरेंद्र यादव रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की दिसंबर के पहले सप्ताह में एनडीए सरकार से विदाई लगभग तय हो गयी है। एनडीए में सम्मानजनक सीट की मांग पर अड़े उपेंद्र कुशवाहा ने आज पटना में कहा कि भाजपा को 30 नवंबर तक सीट बंटवारे की घोषणा कर देनी चाहिए। यह डेड लाइन कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिया है। उपेंद्र कुशवाहा 8-9 फीसदी आबादी वाली कुशवाहा जाति का नेता होनेRead More


‘कोईरी के देवता’ नहीं हैं कुशवाहा

वीरेंद्र यादव राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो हैं उपेंद्र कुशवाहा। कोईरी के देवता नहीं हैं। ‘कोईरी का देवता’ मुहाबरा है। माना जाता है कि कोईरी के देवता काफी सीधा-साधा होते हैं। करीब पिछले दो दशक से संसदीय राजनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वाह कर रहे उपेंद्र कुशवाहा नीतीश के खिलाफ लडा़ई लड़ते रहे हैं। हालांकि उनकी राजनीति की शुरुआत भी नीतीश कुमार की छत्रछाया में शुरू हुई थी। उपेंद्र कुशवाहा पहली बार 2000 में जन्हादा से विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वे समता पार्टी के विधायक थे।Read More


मार्किट फ्रेंडली होते पर्व त्योहार और हमारा फुटपाथ वाला छठ

पुष्यमित्र वैसे तो छठ मुख्यतः बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है, फिर भी यह कोई छोटी आबादी नहीं है, तकरीबन 15 करोड़ की आबादी तो इन इलाकों में बसती ही होगी जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े मुल्क रूस की आबादी से अधिक ही है। और आज की तारीख में यह इस इलाके का सबसे बड़ा पर्व है, मगर इसके बावजूद आज तक इस पर्व को न तो कोई बिग बाजार हाई जेक कर सका है न फ्लिपकार्ट-अमेजन। आज भीRead More


कटिहार: बर्खास्त राज्यपाल बन गये थे सांसद

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 27 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) ———————————————— सांसद — कटिहार — तारिक अनवर — मुसलमान (इस्‍तीफा) विधान सभा क्षेत्र — विधायक — पार्टी — जाति कटिहार — तारकिशोर प्रसाद — भाजपा — बनिया कदवा — शकील अहमद खान — कांग्रेस — मुसलमान बलरामपुर — महबूब आलम — माले — मुसलमान प्राणपुर — विनोद सिंह — भाजपा — कुशवाहा मनिहारी — मनोहर सिंह — कांग्रेस — आदिवासी बरारी — नीरज कुमार — राजद — यादव ————————————————–  2014 मेंRead More


छलकत हमरो जवानिया…गाने वाली गोपालगंज की प्रियंका को मुंबई में बडा अवार्ड

छलकत हमरो जवानिया…गाने वाली गोपालगंज की प्रियंका को मुंबई में बडा अवार्ड बिहार कथा न्यूज नेटवर्क.गोपालगंज। शहर के सरेया मोहल्ला निवासी रविंद्र सिहं की पुत्री प्रियंका सिंह  का नाम आज बेस्ट फिमेल गायक के नाम से जाना जा रहा है। सरेया मोहल्ले में रह कर पढ़ाई करने वाली प्रियंका कई सालों से भोजपुरी गीत गाने में लगी है। पवन सिंह ओर काजल राघवानी पर फिल्माएं गए गने में फिमेल गाना छलकत हमरो जवनिया ए राजा… प्रियंका का ही गया हुआ था, जिसने भोजपुर में काफी रिकार्ड बनाया है. प्रियंका सुर संग्राम काRead More


कर्पूरी ठाकुर ने जगाई थी पिछडे वर्ग में राजनीतिक चेतना

हथुआ/गोपालगंज/सिवान. बिहार में पहली बार पिछडे वर्ग की आरक्षण की घोषणा 40 वर्ष पूर्व 11 नवंबर 1977 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने की थी. इसको लेकर दलित पिछडा वर्ग जनजागरण संघ ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद किया. इस मौके पर संघ के संयोजक संजय कुमार ने कहा कि भारत में समाजवादी आंदोलन के एक बड़े नेता, बिहार में अपने जीवन काल में पिछड़ा वर्ग के सबसे बड़े नेता और सूबे के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर की बीते एक दशक में बिहार की राजनीति में प्रासंगिकता बढ़ गईRead More


हथुआ के शराबियों पर क्रेजी रोमियों का कहर, एक महीने में कई मरें!

बिहार कथा न्यूज नेटवर्क. हथुआ. इन दिनों गोपालगंज के हथुआ में अवैध शराब का कारोबार जोरों पर है. शराब के इसी अवैध बिक्री के कारण क्रेजी रोमियो नाम का एक विस्की जहर बन कर लोगों की जान ले रहा है. हथुआ में पिछले एक महीने के आसपास के विभिन्न गांवों में करीब सात आठ लोगों की मौत हुई हैं.पास पडोस के लोगों का कहना है कि ये सभी लोग पिछले एक महीने से क्रेजी रोमियो नाम का शराब का सेवन कर रहे थे. स्थानीय शराबी क्रेजी रोमियों को सहज भाषाRead More


अपनी ही रियासत में चुनाव हार गये थे दरभंगा महाराज, 2019 में क्या होगा?

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 25 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) बिहार की प्रमुख रियासतों में एक था दरभंगा राज। संभवत: सबसे बड़ी रियासत। दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह संविधान सभा के सदस्य भी थे। संविधान को अंतिम रूप में उनकी बड़ी भूमिका था। लेकिन इससे भी बड़ा तथ्य यह है कि महाराज कामेश्वर सिंह अपनी की रियासत के तहत आने वाले दरभंगा नार्थ से 1952 में लोकसभा चुनाव हार गये थे। 1952 में दरभंगा के नाम से चार लोकसभा सीट थी।Read More


बिहार का झंझारपुर : बहुत उलझा हुआ है गठबंधनों का झोल

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 23 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) मधुबनी जिले के छह विधान सभा सीटों को मिलाकर झंझारपुर लोकसभा सीट का पुनर्गठन किय गया है। 1977 से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस सीट पर देवेंद्र प्रसाद यादव पांच बार निर्वाचित हुए हैं। 2014 में भाजपा इस सीट पर पहली बार निर्वाचित हुई। भाजपा के उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी ने राजद के मंगनीलाल मंडल को करीब 55 हजार वोटों से पराजित किया। देवेंद्र यादव पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवारRead More


किशनगंज: एनडीए में सीट की होगी फेंका-फेंकी

वीरेंद्र यादव के साथ लोकसभा का रणक्षेत्र – 22 (बिहार की राजनीति की सबसे जरूरी पुस्तक- राजनीति की जाति) सीमाचंल का प्रमुख लोकसभा क्षेत्र किशनगंज की सभी छह विधान सभा सीटों से निर्वाचित विधायक मुसलमान ही हैं। माना जाता है कि राज्य में मुसलमानों की सर्वाधिक आबादी किशनगंज में है और चुनाव परिणाम वही तय करते हैं। यहां से निर्वाचित सभी सांसद मुसलमान ही होते रहे हैं। किशनगंज का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के टिकट पर पत्रकार एमजे अकबर और भाजपा के टिकट पर सैयद शाहनवाज हुसैन कर चुके हैं। किशनगंज केRead More


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