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भगवान बुध्द को समझना है तो यह पढ़िए
बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष साधुवाद-धम्म्प्रभात *बुध्द को पढने के बाद आप जरुर चिकित्सा करना शुरु करोगे!* बुध्द ने ऐसे धम्मं को जन्म दिया, जिसमे ईश्वर की कोई जगह नहीं है। जिसमे परमात्मा को कोई स्थान नहीं है। बुध्द ने संदेह से शुरू की यात्रा और शून्य पर पूर्ण की। संदेह और शून्य के बिच में बुध्द का सारा बोध है। संदेह को धम्मं का आधार बनाया और शून्य को धम्मं की उपलब्धि। बाकी सब धर्म विश्वास को आधार बनाते है और पूर्ण को उपलब्धि। बुध्द धम्मं को समझने के लिएRead More
बिहार के अशोक दास के नेतृत्व में अंबेडकरी पत्रकारिता के 100 साल का महाउत्सव
31 जनवरी को दिल्ली में कार्यक्रम नई दिल्ली. 31 जनवरी 1920, ये वो तारीख है जब एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। इस दिन डॉ. अंबेडकर ने मराठी भाषा में ‘मूकनायक’ नाम से पाक्षिक शुरू किया था। इसके सौ साल पूरा होने पर देश की राजधानी दिल्ली में एक भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन दिल्ली में 15 जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में होगा। इसका आयोजन ‘दलित दस्तक’ द्वारा किया जा रहा है। दलित दस्तक मासिक पत्रिका और यूट्यूब चैनल है जो डॉ. अंबेडकर कीRead More
जानिए डॉ.आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े?
सोशल मीडिया से साभार सोशल मीडिया पर अक्सर सवाल पूछा जाता है कि डॉ.आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े? यह सवाल व्यंग, नफरत या आक्रोश अथवा जिज्ञासावश में पूछा जा सकता है। सवाल प्रथम दृष्टया उचित लगता है, परंतु अक्सर इसका मकसद दुष्प्रचार होता है। इसका सटिक जवाब जानने से पहले हमें हालातों को जानना होगा। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को फांसी दी गई थी। यह वह दौर था जब शूद्र-अतिशूद्र या यूं करे कि अंबेडकर जब स्कूल जाते थे तो उन्हें स्कूलRead More