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भगवान बुध्द को समझना है तो यह पढ़िए

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष साधुवाद-धम्म्प्रभात *बुध्द को पढने के बाद आप जरुर चिकित्सा करना शुरु करोगे!* बुध्द ने ऐसे धम्मं को जन्म दिया, जिसमे ईश्वर की कोई जगह नहीं है। जिसमे परमात्मा को कोई स्थान नहीं है। बुध्द ने संदेह से शुरू की यात्रा और शून्य पर पूर्ण की। संदेह और शून्य के बिच में बुध्द का सारा बोध है। संदेह को धम्मं का आधार बनाया और शून्य को धम्मं की उपलब्धि। बाकी सब धर्म विश्वास को आधार बनाते है और पूर्ण को उपलब्धि। बुध्द धम्मं को समझने के लिएRead More


आर्टिकल 370, आंबेडकर और राष्ट्रवाद

दिलीप मंडल राष्ट्र की मुख्यधारा में बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की विधिवत स्थापना संयोग से उसी दौर में हो रही है, जब देश में राष्ट्र और राष्ट्रवाद को लेकर एक तीखी बहस चली है. एक ओर सभी राजनीतिक दल उन्हें अपना आदर्श जताना चाह रहे हैं, दूसरी ओर राष्ट्रवाद को लेकर बहस देश के विश्वविद्यालयों से शुरू होकर, जीवन के विविध क्षेत्रों में व्याप्त हो गयी है और चाहे-अनचाहे हम सब इसके हिस्सेदार बन गये हैं. यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि राष्ट्र निर्माण के बाबासाहेब के सपनों पर अबRead More


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