Atal Bihari Bajpeyee
पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की श्रद्धांजलि..
पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की श्रद्धांजलि.. अध्यक्ष महोदय, एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूँगा हो गया, एक लौ थी जो अनन्त में विलीन हो गई। सपना था एक ऐसे संसार का जो भय और भूख से रहित होगा, गीत था एक ऐसे महाकाव्य का जिसमें गीता की गूँज और गुलाब की गंध थी। लौ थी एक ऐसे दीपक की जो रात भर जलता रहा, हर अँधेरे से लड़ता रहा और हमें रास्ता दिखाकर, एक प्रभात में निर्वाणRead More
महावीर से अटल तक इस देश की एक ही कथा है
पुष्य मित्र पावापुरी बिहार के नालंदा जिले में स्थित है. पावापुरी में एक बहुत खूबसूरत तालाब है और उस तालाब के बीचोबीच एक मंदिर है. यह जैनियों का बड़ा तीर्थ है. महावीर ने यहीं पर अपने प्राण त्यागे थे और यहीं उनका दाह संस्कार हुआ था. कहते हैं, उनके दाह संस्कार के बाद उनके चिता भस्म के लिए पूरे देश से उनके मानने वालों की भीड़ पावापुरी पहुंच गयी. उन लोगों ने वहां की मिट्टी इस कदर खरोची की वह जगह एक तालाब बन गया. यह वही तालाब है. बुद्धRead More
अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति
प्रेम कुमार मणि ————————————————————–अंततः अटलबिहारी वाजपेयी नहीं रहे . यही होता है . जो भी आता है एक दिन जाता है ,वह चाहे राजा हो या रंक, या फकीर . अटलजी राजा भी थे और थोड़े फकीर भी . रंक वह कहीं से नहीं थे . वह राजनीति में थे ,उसके छल -छद्म से भी जुड़े थे ,लेकिन फिर भी उनमे कुछ ऐसा था ,जो दूसरों से उन्हें अलग करता था . वह दक्षिणपंथी राजनीति में रहे . संघ ,जनसंघ फिर भाजपा . इधर -उधर नहीं गए . अपने विरोधियोंRead More
पत्रकारों से संवाद की अटल-कला
रुचिर गर्ग वो क्या चीज़ है जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को अटल जी बनाती है ? इसका जवाब उनके निधन पर आईं श्रद्धांजलियों और संस्मरणों में मिल जाता है । ऐसा लगता है कि हर व्यक्ति के पास बताने को उनसे जुड़ी कोई याद है या उनके बारे में कहने को कुछ है । अटलबिहारी बाजपेयी ना ही भाजपा की राजनीतिक लाइन से कभी अलग हुए और ना ही कभी उन्होंने अपनी विचारधारा का दामन ही छोड़ा । लेकिन फिर भी कट्टर राजनीतिक सहयात्रियों के बीच श्री बाजपेयीRead More
विशेष व्यक्तित्व अटल बिहारी बाजपेयी
प्रभुनाथ शुक्ल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी आखिरकार काल से रार नहीं ठान पाए और 93 साल की जीवन यात्रा में गुरुवार 16 अगस्त शाम 5: 10 मिनट पर नई दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस लिया। 11जन को उन्हें भर्ती कराया गया था। 65 दिनों तक नई दिल्ली के एम्स में जीवन और मौत से संघर्ष करते हुए लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। राजनीति में एक ऐसी रिक्तता एंव शून्यता छोड़ चले गए जिसकी भराई भारतीय राजनीति के वर्तमान एवं इतिहास में संभवRead More