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ईदगाह : कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर पढ़िये उनकी एक प्रसिद्ध कहानी
ईदगाह प्रेमचंद रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। किसी के कुरते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर में सुई-धागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उनमेंRead More
प्रेमचंद का साहित्य अनगिनत परिवारों में चूल्हा जलाता है
प्रेमचंद जयंती पर विशेष साधन सम्पन्न लोग प्रेमचंद की कहानियों पर धारावाहिक बनाते हैं और सत्ता से सम्मान पाते हैं, पर समाज में विवेक नहीं जगा पाते क्योंकि उनकी कथनी और करनी में फर्क है… मंजुल भारद्वाज, प्रसिद्ध रंगचिंतक प्रेमचंद जब अपनी लेखनी से गुलाम जनता में आज़ादी का मानस जगा रहे थे तब कुबेर का खज़ाना उनके पास नहीं था सत्ता की दी हुई जागीरदारी नहीं थी। यह तथ्य बताता है की साहित्य रचने के लिए धन की नहीं प्रतिभा,प्रतिबद्धता और दृष्टि की जरूरत होती है! जब आपके चारोंRead More