#हिंदी दिवस

 
 

हिंदी मीडियम में दम है। मगर हममें कितना दम है?

हिंदी मीडियम में दम है। मगर हममें कितना दम है? बालेंदु शर्मा दाधिच मित्रो, हिंदी के जरिए सफलता प्राप्त करने के बाद आज मुझे लगता है कि मुझ जैसे लोगों पर एक सामाजिक दायित्व है। दायित्व है हमारी युवा पीढ़ी को सशक्त करने का। उसे इस बात का विश्वास कराने का कि ‘हिंदी मीडियम’ में कोई समस्या नहीं है। हाँ, हमारे आसपास हमारे ही लोगों द्वारा चुनौतियाँ पैदा की जाती हैं लेकिन अब जमाना बदल रहा है और आप चाहें तो हिंदी को अपनी ताकत बना सकते हैं। उसी तरह,Read More


दुनिया में हर व्यक्ति के जन्म की भाषा केवल हिन्दी !

 डा. श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट भले ही कुछ लोग अंग्रेजी को दुनिया का पासपोर्ट बताते हो और भारत में अंग्रेजी की खुलकर पैरवी करते हो। लेकिन सच यही है कि हिन्दी समेत सभी भारतीय भाषाओं को बोनी भाषा बताकर अंग्रेजी की पैरवी करना बेहद शर्मनाक है। यह कुछ लोगो की अंग्रेजियत भरी सोच हो सकती है जिसका भारतीयता से कोई नाता नही है। ऐसे लोग या तो हिन्दी अच्छी तरह से जानते नही या फिर उन पर अंग्रेजी इस कदर सवार है कि उन्हे अंग्रेजी के सिवाए कोई दुसरी भाशा दिखाईRead More


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