आंबेडकर और राष्ट्रवाद

 
 

आर्टिकल 370, आंबेडकर और राष्ट्रवाद

दिलीप मंडल राष्ट्र की मुख्यधारा में बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की विधिवत स्थापना संयोग से उसी दौर में हो रही है, जब देश में राष्ट्र और राष्ट्रवाद को लेकर एक तीखी बहस चली है. एक ओर सभी राजनीतिक दल उन्हें अपना आदर्श जताना चाह रहे हैं, दूसरी ओर राष्ट्रवाद को लेकर बहस देश के विश्वविद्यालयों से शुरू होकर, जीवन के विविध क्षेत्रों में व्याप्त हो गयी है और चाहे-अनचाहे हम सब इसके हिस्सेदार बन गये हैं. यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि राष्ट्र निर्माण के बाबासाहेब के सपनों पर अबRead More


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