– नवल किशोर कुमार खेल खेल होता है और खेल में खेला जाता है न कि कुछ और। है कि नहीं? लेकिन इ बात बुधनमा को कहां बुझाता है। कबड्डीRead More
– नवल किशोर कुमार परिवर्तन संसार का नियम है। इसे सभी स्वीकारते हैं। चाहे वे किसी भी वाद के झंडा ढोने वाले क्यों न हों। लोकतंत्र भी इसी विश्वास परRead More
बुधनमा, इतिहास मत छांट – नवल किशोर कुमार आज का यह पोस्ट व्यंग्य नहीं है। खबरें हैं। बुधनमा की कोई परिभाषा नहीं है आज। वह इंसान है या कुछ और?Read More
संतोष कुमार जुझारू छवि, कैबिनेट में आने और उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करने की लंबी रणनीति का हिस्सा है शाह का गांधीनगर से चुनावी समर में उतरना अटल-अाडवाणी कीRead More
संजय स्वदेश कथा का तानाबाना तुलसीबाबा ने कुछ ऐसा बुना की रावण रावण बन गया। मानस मध्ययुग की रचना है। हर युग के देशकाल का प्रभाव तत्कालीन समय की रचनाओंRead More
संजय कुमार कुख्यात शहाबुद्दीन जेल से बेल पाकर भले ही सीवान के अपने पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंच गए हो। समर्थकों में बड़ा हुजूम है। शक्तिप्रदर्शन का दौर है। लेकिन एकRead More
संजय स्वदेश अर्थशास्त्र में मांग और पूर्ति की एक समान्य सी बात बताई जाती है। यदि मांग ज्यादा है तो कीमत भी ज्यादा होगी। यदि कीमत सस्ती होगी, तो आपूर्तिRead More
पटना का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में रामवनवी के दिन आयोध्या के बाद सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। राम के जन्मोत्सव के जय घोष के दौराना मस्जिद में नामाज अता कीRead More
संजय स्वदेश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों को मदद करने और अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को अब पुलिस या अन्य कोई भी अधिकारी द्वाराRead More
संजय स्वदेश युवा फेसबुकिया मित्र वेद प्रकाश ने अपनी टाइम लाइन पर जो शेयर किया था, वह आप भी जानिए। आपको न्यूज चैनल में कभी ऐसे सुनने को मिला है-कैमरामैनRead More