बिहार में भीषण तूफान से 39 मरे, 80 से अधिक घायल
पटना/भागलपुर/दरभंगा/मधुबनी/सहरसा/पुर्णिया, बिहार के कई जिलों में मंगलवार की रात आए तूफान से 39 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। तूफान से कई मकान नष्ट हो गए और फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव व्यासजी ने बुधवार को यहां बताया कि पूर्णिया जिले में सर्वाधिक 32 लोगों की मौत होने की खबर है। मधेपुरा में तूफान से छह व्यक्तियों की जान गई जबकि एक व्यक्ति की मौत मधुबनी में हुई। पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, समस्तीपुर और दरभंगा में आए भीषण तूफान की वजह से हजारों पेड़ उखड़ गए, बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं, हजारों मकान और क्षोपड़े नष्ट हो गए तथा मक्का, गेहूं और दालों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा। व्यासजी ने बताया कि जिलों में सड़क परिवहन भी प्रभावित हुआ क्योंकि तूफान की वजह से कई पेड़ उखड़ कर सड़कों पर गिर गए।
पटना में भारतीय मौसम विभाग के निदेशक आर के गिरी ने बताया कि तूफान के दौरान हवाओं की गति करीब 65 किमी प्रति घंटा थी। गिरी ने बताया कि नेपाल की ओर से आए इस तूफान का कहर पूर्णिया, सीतामढ़ी, दरभंगा से लेकर भागलपुर तक टूटा। हमारे रडार का आंकड़ा बताता है कि हवाओं की गति करीब 65 किमी प्रति घंटा थी। उन्होंने बताया कि इस मौसम में अक्सर ऐसे तूफान आते हैं और इन्हें काल बैसाखी कहा जाता है। राज्य सरकार ने तूफान में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार वालों को चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का ऐलान किया है। यह राशि आपदा प्रबंधन कोष से दी जाएगी। व्यासजी ने बताया कि प्रभावित जिलों में प्रशासन स्थिति का जायजा ले रहा है और नुकसान का आकलन कर रहा है।
तूफान से सीमांचल के जिलों में 32 लोगों की मौत की खबर
भागलपुर सीमांचल और कोसी इलाके में मंगलवार की रात लगभग साढ़े दस बजे आए चक्रवाती तूफान ने पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा और कटिहार में भारी तबाही मचाई। इस तूफान में हजारों घरों और पेड़ के गिरने से अब तक 32 लोगों के मरने की सूचना है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। सिर्फ पूर्णिया में ही 23 लोगों के मरने की बात आई है। इसमें सर्वाधिक बायसी प्रखंड में 19 लोग मरे हैं। मधेपुरा में भी पांच लोगों के मरने की सूचना है। सहरसा में जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन घरों और वृक्षों की भारी क्षति हुई है।
इधर कटिहार में तूफान से एचटी लाइन का तार टूटने से पूरा जिला अंधेरे में डूब गया है। पूर्णिया और मधेपुरा के कई प्रखंडों में तमाम कच्चे घरों का वजूद ही समाप्त हो गया है। प्रशासन इन जिलों में तूफान से हुई क्षति और जनहानि का आकलन करवा रहा है।
इधर सूचना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने पहुंच रहे हैं। वह सर्वेक्षण के बाद पूर्णिया में अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार तबाही वाले इलाकों में राहत कार्य तेजी से शुरू कर रही है। इस संबंध में वह अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं।
दरभंगा में अमंगलकारी साबित हुआ मंगल की शाम का तूफान
जिले में 21 अप्रैल की शाम आयी प्रलयंकारी आंधी-तूफान से भारी क्षति हुई है। कुल तीन की मौत हो गयी। इनमें दो मनीगाछी तथा एक मधुबनी जिला के पंडौल के हैं। दो दर्जन से अधिक लोग इस दौरान जख्मी हो गए। हजारों एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गयी है। सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीण इलाकों में आंधी-पानी के बाद से ही बिजली आपूर्ति ठप है।
शहर के लालबाग मोहल्ले में मो.अरमान के घर पर पड़ोसी के घर का एसबेस्टस गिर जाने से आधा दर्जन लोग जख्मी हो गए। इनमें बच्चे-बुजुर्ग दोनों शामिल हैं। एसडीओ गजेन्द्र कुमार सिंह ने क्षति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल जाकर भी जख्मियों का हाल-चाल जाना।
मनीगाछी कृषि फार्म की करीब 25 एकड़ में लगी गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी। चकबसावन, माऊबेहट सहित अन्य गांवों में दर्जनों घरों के छप्पड़ उड़ गए हैं। आम-लीची की फसल को काफी क्षति पहुंची है।
केवटी प्रखंड के अंदामा, खिरमा, पाराडीह आदि में बिजली के आधा दर्जन से अधिक पोल टूटकर गिर गए हैं। दरभंगा-जयनगर एनएच 105 पर खिरमा मोहनी पुल के पास पेड़ गिर पड़ा। इससे करीब आधा घंटा तक आवागमन बाधित रहा।
घनश्यामपुर के अरुण मिश्र (50) एस्बेस्टस गिरने से गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें डीएमसीएच भेजा गया है। वहीं आधी के बीच कृष्णमोहन साह (18) पाली-घनश्यामपुर पथ के पुल के पास साइकिल सहित पुल के नीचे गिर पड़ा। उसे जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हायाघाट प्रखंड के थलवाड़ गांव में राजेन्द्र चौधरी की गर्भवती गाय की मौत पेड़ के नीचे दबने से हो गयी।
मधुबनी में बारिश व ओला गिरने से करोड़ों का नुकसान
जिले में मंगलवार की रात हुई बेमौसम की बरसात के साथ ओला गिरने से करोड़ों रुपये मूल्य की गेहूं, आम, लीची व मूंग की फसल को क्षति पहुंची। कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के अनुसार इस बेमौसम बारिश से खेतों में लगी 20 फीसदी गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पिछले 13 अप्रैल को ओला व अतिवृष्टि से 60 फीसदी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी। ओला गिरने से सबसे अधिक क्षति आम, लीची व मूंग की फसल को हुई है।
सबसे अधिक नुकसान उन किसानों को हुआ है जो गेहूं की कटनी कर दौनी के लिए खलिहान में रखे हुए थे। जिले में औसतन 15.6 एमएम बारिश होने से 28 हजार हेक्टेअर में बोये गये मूंग के बीज में अब अंकुरण के आसार नहीं हैं।
बोले अधिकारी :
बारिश व ओला गिरने से हुई फसल क्षति का प्रारंभिक आकलन राज्य निदेशालय को भेजा गया है। कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के अनुसार बारिश व ओला से 20 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं, आम के भी 80 फीसदी टिकोले पेड़ों से गिरकर बर्बाद हो गये हैं। शीघ्र फसल क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजा जाएगा।
शिलाजीत सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी
कांग्रेसियों को तूफान पीड़ितों की मदद में जुटने का आह्वान
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर पूर्वी बिहार में कल रात आए तूफान से लोगों की हुई मौत पर गहरा शोक प्रकट करते हुए आज पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत और बचाव के कार्य में प्रशासन की मदद करने की अपील की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संदेश में इस आपदा में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया और अपनों से बिछुड़े लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदन जताई। उन्होंने कहा कि इस आपदा के कारण भारी जान माल के नुकसान की खबरें अभी आ रही हैं। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस समित के साथ ही कांग्रेस के सभी आनुषांगिक संगठनों को तत्काल पीड़ितों को राहत उपलब्ध कराने के लिए काम करने को कहा है।
पार्टी के उपाध्यक्ष ने तूफाने में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्यक्रम में जुटने तथा पीड़ितों तक राहत पहुंचाने में प्रशासन की मदद करने की अपील की। -from हिन्दुस्तान ; livehindustan.com
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