जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा-भाजपा को साथ थे ज्यादा सहज
पटना/नई दिल्ली. ए. राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन के नाम पर बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में उभरी दरार अब चौड़ी होती जा रही है और बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को महागठबंधन के घटक जेडीयू का दर्द भी सामने आया. पार्टी के वरिष्ठ नेता के.सी. त्यागी का मानना है कि जदयू को भाजपा के साथ गठबंधन ही ज्यादा सहज था. जदयू के महासचिव के.सी. त्यागी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा के साथ विचारधारा को लेकर दिक्कत थी, लेकिन वे ज्यादा सहज थे. उन्होंने हैरानी जताई कि ऐसे समय में जब कांग्रेस को बड़े राष्ट्रीय दल होने के कारण विवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए थे तो पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश कुमार पर जो टिप्पणी की वह पूरी तरह आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान से चीजें और खराब होंगी.
त्यागी ने कहा, जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन सहज था. वैचारिक समस्या जरूर थी, लेकिन काम करने में कोई समस्या नहीं थी. सांसद ने महागठबंधन में बनी गांठ पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, हम बिहार में महागठबंधन पांच साल चलाना चाहते थे. लेकिन ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, जिसमें किसी पार्टी के आला नेताओं के ही खिलाफ बात कही जा रही हो. उन्होंने कहा कि पार्टी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के गैरदोस्ताना बयान से सहज नहीं है.
महागठबंधन केवल बिहार में
केसी त्यागी ने कहा कहा, महागठबंधन हमने केवल बिहार में किया है, यह कांग्रेस को याद रखना चाहिए. कांग्रेस नीतीश कुमार का चरित्र हनन करने में लगी हुई है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कांग्रेस महासचिव आजाद ने दो दिन पहले राष्ट्रपति पद की विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार की दावेदारी को पुख्ता बताते हुए कहा था कि बिहार की बेटी को नीतीश कुमार हराने का काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने राज्य के दलित की बेटी को हराने का पहले ही ऐलान कर दिया है.
लालू-नीतीश में हुई बात
वहीं पटना में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के बीच विवाद को कम करने की दिशा में पहल भी हुई. सूत्रों के अनुसार मंगलवार को दोनों के बीच बात भी हुई. दोनों सहमत हुए कि अपने-अपने दलों में पार्टी नेताओं को बेवजह बयानबाजी करने से रोकना होगा. इसके बाद नीतीश कुमार ने अपने नेताओं को पार्टीलाइन से अलग कोई बयान न देने का फरमान जारी किया. लालू प्रसाद ने यही निर्देश अपने नेताओं को दिया था, लेकिन कांग्रेस और नीतीश के बीच छिड़ी नई जंग ने परेशानी और बढ़ा दी है.
आरजेडी-कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं
आरजेडी नेता और डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने भी सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष किया था. उनके बयान को भी कांग्रेस नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है. वहीं आरजेडी नेताओं की शिकायत है कि प्रदेश में कांग्रेस नेता महागठबंधन का धर्म ठीक से नहीं निभा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव पर नीतीश से विरोध होने के बावजूद पार्टी गुलाम नबी आजाद के बयान को गलत समय में दिया गया बयान बता रही है. ऐसे में अगर आरजेडी और जेडीयू दोनों दलों की नारागजी कांग्रेस से बढ़ी तो पार्टी के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है.
भाजपा भी विवाद में कूदी, दिया नीतीश को ऑफर
बिहार में गठबंधन में बढ़ते विवाद को देखते हुए बीजेपी इस आग में घी देने कूदी. मौका देखते हुए पार्टी ने नीतीश कुमार को गठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ आ जाने की अपील कर दी. पार्टी के सीनियर नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सही बात है कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ कभी सहज नहीं थे और बीजेपी के साथ उनकी सरकार ठीक चल रही थी. with thanks from nbt
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