बीमारी का इलाज खोजने में काम आता है गणित

गणित से घबराने की आवश्यकता नहीं:विशेषज्ञ
नई दिल्ली. ए. गणित लोगों के लिए कोई हौवा नहीं है और यह केवल किताबी विषय नहीं है बल्कि इसका इस्तेमाल रोजमर्रा  की  जरूरतों में होता है और मानव शास्त्र के अध्ययन से लेकर संक्रामक रोगों के इलाज़ खोजने में भी यह काम आता है. यह देश विदेश से आये विशेषज्ञों ,वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने कही. सम्मलेन का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के  रामजस कालेज ने किया था जो अपनी स्थापना के सौ साल मना रहा है. सम्मेलन में भारत के अलावा इटली ,ईरान और सर्बिया जैसे देशों के  करीब 200 सौ गणित विशेषग्यों शोधार्थियों ने  शिरकत की .सम्मलेन में महान गणितग्य एस रामानुजन पर एक फिल्म भी दिखाई गई. सम्मलेन में वक्ताओं ने गणित और उसके प्रयोग पर विस्तार से चर्चा की कि गणित किस तरह हमारे जीवन और समाज में जरूरी है. गणित तर्क पर आधारित होता है और यही तर्क पद्धति विधि शास्त्र से लेकर आर्थिक शास्त्र में उपयोगी होती है. इसलिए अर्थशास्त्र में गणित की बहुत आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी में भी इसका इस्तेमाल होता है. इसलिए गणित से जीवन में बचा नहीं जा सकता है. गणित से घबरने या डरने जैसी कोई बात नहीं हैं.
45 विशेषज्ञों ने दिए व्यख्यान
संयोजक रुचिका वर्मा के अनुसार सम्मलेन में विभिन्न केन्द्रीय विश्वविद्यालयों,  आईआईटी तथा अन्य  शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञों ने 15 अकादमिक सत्रों में भाग लिया और  शोध पत्र पेश किये .उन्होंने बताया कि 45 विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए  एवं कई शोधार्थियों ने अपने  प्रेजेंटेशन दिए . सम्मलेन में गणित के इतिहास से लेकर अलजेब्रा तक चर्चा हुई .सम्मलेन का  उद्घाटन मुख्य अतिथि,भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार  पी के सक्सेना ने तथा आर बाला सुब्रमनियन ने किया तथा विशिष्ट अतिथि आईआईटी के प्रोफेसर एस  जी  दानी थे. सम्मलेन में भारत के अलावा इटली अमरीका ईरान और सर्बिआ आदि के गणितज्ञों ने भाग लिया.






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