लालू के ट्वीट से बिहार में राजनीतिक हलचल, महागठबंधन पर संकट के बादल?
लालू यादव ने बीजेपी पर किया हमला, हमले में बीजेपी को नए साथी की बधाई दी.
गोपालगंज/पटना/नई दिल्ली. मंगलवार की सुबह यह खबरें आई कि राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है. यह छापा उनके और उनके परिवार वालों की कई संपत्तियों पर डाले गए. तब से लगातार इस पूरे मामले में लालू प्रसाद यादव की प्रतिक्रिया लेने की मीडिया कोशिश करता रहा लेकिन लालू प्रसाद यादव ने कुछ नहीं कहा.
लेकिन दोपहर बाद लालू यादव की ओर से एक ट्वीट आया. ट्वीट में लालू यादव ने कहा कि बीजेपी को नए अलायंस साथी मुबारक हों. उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा कि लालू प्रसाद झुकने वाला या डरने वाला नहीं है. जब तक आखिरी सांस है फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ता रहूंगा. लालू यादव के इस ट्वीट से कई अंदाजे लगाए जाने लगे हैं. कुछ लोग यह मान रहे हैं कि कल ही जैसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए यह कहा कि अगर किसी के पास सबूत हैं तो उन्हें जांच कराने के लिए एजेंसी से कहना चाहिए. उसका परिणाम आज यह है कि आज जांच एजेंसियों ने कई स्थानों पर लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी कर अवैध संपत्ति का पता लगाना आरंभ कर दिया है. वहीं दूसरे ट्वीट में लालू यादव ने कहा कि बीजेपी में हिम्मत नहीं कि लालू की आवाज को दबा सके. लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर में करोड़ों लालू खड़े हो जाएंगे. मैं गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं हूं. वहीं, अपने तीसरे ट्वीट में लालू यादव ने मीडिया पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अरे पढ़े-लिखे अनपढ़ों, ये तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई. बीजेपी समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटकों (सरकारी तोतों) से लालू नहीं डरता.
उधर, जैसे ही लालू प्रसाद यादव को यह आभास हो गया कि उनके ऐसे ट्वीट का क्या मतलब निकाला जा रहा है तो उन्हें जल्द से उस पर सफाई भी दे डाली. उन्होंने तुरंत चौथा ट्वीट किया और कहा कि ज्यादा लार (लालच मत करो) मत टपकाओ. गठबंधन अटूट है. अभी तो सामना विचारधारा के और दलों को साथ जोड़ना है. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी के सरकारी तंत्र और सरकारी सहयोगियों से नहीं डरता. लालू यादव के इस ट्वीट से यह भी माना जा रहा है कि वह एक ओर जहां यह इशारा कर रहे हैं कि उनका गठबंधन अटूट है. यानी कि नीतीश कुमार सरकार को किसी प्रकार की कोई दिक्कत अभी नहीं आएगी. वहीं वह बीजेपी के सरकारी सहयोगियों की बात कर रहे हैं. यहां पर यह तल्ख किस ओर इशारा कर रहा है यह अभी साफ नहीं हो पा रहा है. इतना साफ लग रहा है कि बिहार में अब सब कुछ ठीक नहीं है.
समीकरण बदलने के कयास
हाल फिलहाल की घटनाओं और आरोपों प्रत्यारोपों के दौर में गठबंधन के समीकरण जरूर बदलेंगे. यह उल्लेखनीय है कि जहां लालू यादव आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी प्रत्याशी विपक्षी दलों को एकजुट कर घोषित करने की बात कह रहे हैं वहीं नीतीश कुमार वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम पर तैयार हैं.
ऐसे में लालू प्रसाद यादव का इस प्रकार का ट्वीट राजनीतिक हल्कों में हलचल पैदा कर गया है. लोग मान रहे हैं बिहार में महागठबंधन अब खतरे में है. यानि बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर खतरा है.
सीटों का ऐसा है गणित
बिहार में वर्तमान में महागठबंधन की सरकार है. इस सरकार में नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं. वर्तमान में बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से आरजेडी 80, जेडीयू 71, बीजेपी 53, कांग्रेस 27, भाकपा माले 3, लोजपा 2, रालोसपा 2, एचएएमएस1, निर्दलीय 4 हैं.
क्या नीतीश को समर्थन करेगी बीजेपी
वहीं, यह संभव है कि बीजेपी नीतीश कुमार का बिहार में समर्थन कर दे. माना जा रहा है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में जो घटनाक्रम सामने आए हैं उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी भी यह चाहती है कि नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बन जाए. पिछले कुछ दिनों के राजनीतिक बयान इसी ओर इशारा करते हैं. वहीं, नीतीश कुमार ने पहली बार यह माना है कि नरेंद्र मोदी में पीएम बनने की क्षमता थी जिसे लोगों ने स्वीकारा और समर्थन दिया. वह 2019 में भी पीएम पद की रेस में नहीं है.
हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति होने का अनुमान
जानकारी के लिए बता दें कि लालू यादव के दिली, गुड़गांव समेत 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा है. सूत्रों के मुताबिक 1000 करोड़ की बेनामी लैंड डील मामले में यह छापेमारी की गई है. इसके साथ राजद नेता और लालू के करीबी प्रेम चंद गुप्ता के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं. यह छापेमारी ऐसे वक्त हुई है जब हाल ही में बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार पर जमीन घोटाले के आरोप लगाए.
क्या ग़रीबों पिछड़ों के आवाज़ को दबाना चाहती है मोदी सरकार
राजद अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप देव का कहना है कि केंद्र सरकार की इस हरकत से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. सीबीआई की छापेमारी यह साबित करती है, यह मोदी सरकार के इशारे पर किया जा रहा है, इसके माध्यम से केन्द्र सरकार लालू जी के आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद सरकार के खिलाफ लालू जी लिखते और बोलते रहेगे. उनका कहना है कि संघ के इशारे पर केंद्र सरकार ग़रीबों के मसीहा लालू प्रसाद जींको दाबना चाहती है लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. जनता लालू परिवार के साथ है. प्रदीप देव का कहना है कि केन्द्र सरकार लालू जी को ग़लत तरीक़े से फसा कर देश मे ग़रीबों पिछड़ो का हक़ मारना चाहती है.
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