बिहार की रेप पीड़िता, एड्स से भी ग्रस्त, साठे छह माह से गर्भवती, एबर्सन के लिए अब मिली मेडिकल जांच की मंजूरी
बिहार कथा ब्यूरो
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने 26 सप्ताह का गर्भ नष्ट करने के अनुरोध को लेकर पटना निवासी बलात्कार पीड़तिा को आज फौरी राहत प्रदान करते हुए उसकी मेडिकल जांच करने का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को आदेश दिया. न्यायालय ने पीड़तिा की मेडिकल परीक्षण करने का एम्स को आदेश दिया तथा मामले की सुनवाई के लिए आठ मई (सोमवार) की तारीख मुकर्रर की. बलात्कार पीड़तिा एचआईवी से भी ग्रसित है. शीर्ष अदालत ने कहा, पीड़तिा के प्राणों की रक्षा के लिए हमें हरसंभव प्रयास करना चाहिए और हम उसकी जिन्दगी के प्रति चिंतित हैं.
यह है मामला
इस महिला को 12 साल पहले उसके पति ने छोड़ दिया था और बाद में उसके साथ बलात्कार किया गया जिससे वह गर्भवती हो गई. वह अपने गर्भ को 17 हफ्ते की अवधि में ही खत्म करना चाहती थी, लेकिन पटना के अस्पताल ने उससे बच्चे के पिता का परिचय पत्र मांगा, जो वह नहीं दे पाई थी. बाद में उसने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन बड़े ऑपरेशन की आशंका देखते हुए उसने इसकी अनुमति नहीं दी थी. अब इस मामले में पीड़तिा की व्यथा को देखते हुए केंद्र सरकार ने उसे दिल्ली लाने तथा यहां उसके रहने का सारा खर्च उठाने का फैसला किया है.
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