अलग-अलग चिन्ह पर चुनाव लड़ने की बात कहने वाला उल्लू
पटना। पुराने जनता परिवार के छह घटक दलों के विलय होने पर नए दल का नाम, झंडा और चुनाव चिंह को लेकर जारी अटकलों के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आज इसबात का खंडन किया कि घटक दल अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए लालू ने कहा कि अगर इन दलों को अलग-अलग अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना होता तो विलय का क्या मतलब है। उन्होंने ऐसी बातें भ्रम पैदा करने के लिए कहे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो ‘उल्लू’ होगा वही ऐसी बात करता होगा। लालू ने किसी प्रकार का मतभेद होने से इनकार करते हुए कहा कि हड़बड़ी की कोई बात नहीं है, सब कुछ सोच समझ कर करना है। उन्होंने कहा कि समाजवादी प्रमुख मुलायम सिंह यादव जिन्हें नए दल का अध्यक्ष बनाया गया है बाकी औपचारिक्ताओं को जल्द ही पूरा करेंगे। इससे पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने आज पटना में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चन््रदशेखर की आदमकद प्रतिमा के अधिष्ठापन एवं पार्क सौन्दर्यीकरण कार्य का शिलान्यास करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि मुलायम सिंह यादव जी नये दल के अध्यक्ष बन चुके हंै और इसको लेकर जो भी औपचारिकतायें हंै उसे वह पूरा करेंगे। आपस में विलय करने वाले जो छह दल हैं उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जदयू, लालू प्रसाद की पार्टी राजद, ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल :आईएनएलडी:, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा की पार्टी जनता दल :सेकुलर: और समाजवादी जनता पार्टी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि जनता परिवार के छह दलों के विलय को लेकर दिल्ली स्थित मुलायम के घर पर गत 15 अप्रैल को हुई बैठक, और उसके बाद विलय की घोषणा के बाद पूरे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विलय को ‘बीरबल की खिचड़ी’ बताया था। उन्होंने कहा था, पिछले छह महीने की कवायद के बावजूद न नाम तय हो पाया है, न झंडा, न चुनाव चिन्ह यानी महाविलय की खिचड़ी पकने के नाम ही नहीं ले रही है। उन्होंने कहा था कि जनता परिवार के महाविलय की कोशिश में लगे नेता एको अहम दुजो नास्ति की तर्ज पर अपनी- अपनी पार्टी के सुप्रीमों हैं तथा अबतक अपनी पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड बना कर रखे हैं और अब इसे पब्लिक लिमिटेड बनाना इनके लिए आसान नहीं है। सुशील ने कहा था कि एक मयान में एक ही तलवार रह सकती है पर यहां एक ही म्यान में छह तलवारों को घुसेड़ने की कोशिश हो रही है।
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