मुस्लिम तुष्टीकरण का नया फार्मूला

संजय जोशी

भारतीय राजनीति में नये आयाम स्थापित होने के संकेत मिलने लगे है। उप्र का चुनाव  इसी ओर इशारा करता है और राजनीतिक विद्वानों को संकेत भी है देश जातिवाद , पंथवाद व सम्प्रदाय के नाम पर लोगों को तोडने की कोशिश करने वाले को मुंहतोड जबाब देने की ताक में है।पांच राज्यों के चुनाव जो हुए उसमें भाजपा को दो राज्यों में पूर्ण बहुमत मिला और सरकार भी बन गयी जबकि पंजाब में अकाली भाजपा गठबंधन के विरोध में कांग्रेस की सरकार बनी । आम आदमी पार्टी को हर राज्य में तकरीबन मुंह की खानी पडी। भाजपा के लिये अच्छी खबर यह है कि उसे अब राष्टपति पद के लिये किसी के सहारे की जरूरत नही है। वह अपना आदमी इस पद पर बिठा सकती है।

संकेतों की बात करे तो भारतीय मुसलमान अब यह बात समझ गया है कि सरकार के ईशारे पर अब नैया नही पार लगने वाली। उसे अपने आप को बदलना होगा और भारतीयता के सूत्र में अपने को पिरोना होगा। अपने आप को भूलाकर उन लोगों को अपनाना होगा जिन्हें वह अपने मजहब के विस्तार के लिये साथ तो रखा लेकिन वह खुश नही है और अपने ही मौलानाओं के विरूद्ध आ खडे हुए है।क्रिमीनल ला में समानता का अधिकार जो कानून प्रद्त है उसे अब बढाकर सोशल ला में भी करने की तैयारी है, जिसपर काम चल रहा है ।तीन तलाक पर चला खेल अब लोगों की समझ में कुछ कुछ आने लगा होगा । भाजपा ने मुसलमानों का वोट न मांगकर मुस्लिम महिलाओं को ताकतवर बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है जो उनके पंथ के लिये आने वाले समय में परिवर्तन का सूचक होगा। बुरका , रीति रिवाज और दस्तूर यदि कानूनी जामा पहने हुए हो तो बात और भी बदल सकती है। हो सकता है कि जल्द ही आने वाले समय में शाहबानो केस की पुनःसमीक्षा की जाय और अरब के शेखों पर लगाम लगे और भारतीय लडकियों की खरीद फरोख्त बंद हो ।

बात यही खत्म हो जाती तो कुछ और बात थी लेकिन अब हिन्दू महिलाओं जैसा तलाक कानून भी आने वाले समय में आ सकता है जिसका संभावना पुरजोर तरीके से हो रही है , दस लाख मुस्लिम महिलाओं ने इसी बात को लेकर भाजपा का दामन भी थाम लिया है और आने वाले वाले समय में कई करोड महिलाओं ने इस अभियान से जुडने की इच्छा जतायी है ।अगर ऐसा हुआ तो मुस्लिम महिलाओं के हाथ में परिवार की तरक्की की कुजी होगी और हर तलाक देने वाले को अपनी सम्पत्ति में आधा हिस्सा अपनी पत्नी को देना होगा। आधे में तलाक शुदा पत्नी होगी आधे में पति , दूसरी शादी करने पर आधा बचे हिस्से में से आधा देना होगा और इसी क्रम में तीसरा करेगा तो उस आधे में से आधा , शरीयत के अनुसार धार्मिक आधार पर मैहर की रकम और कानूनी अधिकार के तहत आधे हिस्से की मालिकिन । संकेत साफ है, मुस्लिम महिलाओं के वोट से सरकारें बनती है इस बात को भाजपा ने साबित करने का बीड़ा उठाया है जो इस्लाम की तरक्की के राह खोलेगा और मौलाना,मुल्लाओं व पुरूषों के वर्चस्व को परिवार से खत्म करेगा।हर महिला अपने हिसाब से जी सकेगी और अपने बच्चों का पालन पोषण कर उन्हें मुख्य घारा में ला सकेगी।

आकडे बताते है कि जिन महिलाओं को तलाक का हवाला देकर छोड दिया गया, वह बदहाल अवस्था में है और उन पर  परिवार की जिम्मेदारी इतनी बढ गयी है कि कुंवारी लडकी से हर कोई निकाह करना चाहता है और शादीशुदा को वृद्ध ही मिलता है जो भरी जवानी में तीसरी निकाह के लिये उसे छोड जाता है। हलाला को लेकर भी चल रहे विचार पर भी गौर करने की आवश्यकता है और इस पर शीध्र ही अध्यादेश जारी हो कि इसकी मान्यता रद्द की जाती है। हर निकाह की जानकारी वह मौलानाओ से एकत्र कर नगर पालिका में दर्ज कराया जाय ।महिलाओ के लिये अलग से मदरसें व मस्जिदों का निर्माण करने का दीर्घगामी योजना हो सकती है और उसे सिर्फ महिलाये ही चलाये इसबात को भी लेकर पुख्ता इंतजाम करने की प्रकिया शुरू हो सकती है। प्राथमिकता इस बात की भी हो कि इस्लाम को पुरूष प्रधान न बनाकर उसमें महिलाओं की समानान्तर हिस्से दारी होनी चाहिये।  हर उस चीज पर उनकी रजामंदी होनी चाहिये जिसे सामाजिक चलन में लाया जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा ,गणवेश व आवागमन फ्री किये जाने पर विचार किया जा रहा है। जो आने वाले दिनों में प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस व अन्य के लिये काफी दर्द देने वाले होगें।

ऐसा क्यों है इसके कई कारण है हम कश्मीर से शुरू करते है बच्चों के हाथों में किताबें न होकर पत्थर है और यह संस्कृति उनके पूर्वजों ने दी जिसे लेकर मुस्लिम महिलाओं के हालात ठीक नही है।वहां बच्चे घर की जिम्मेदारी उठाने के बजाय पत्थरबाजी कर अपना जीवन बर्बाद कर रहें है। कोई रोक नही पा रहा है मां परेशान है तो बाप पैसे की लालच में पत्थरबाजी सिखा रहा है।इन चीजों को करने से महिला का पति व बेटे दोनों पर प्रभाव रहेगा। ज्यादा न सही लेकिन कुछ लोग तो अपना रास्ता बदेलेगें। जेहाद में जा रहे बच्चों , लव जेहाद की चपेट में आयी लडकियों का अपने बेटे द्वारा शोषण , गलत धर्म बताकर शादी करना और फिर जबरन धर्म परिवर्तन अपने बेटे द्वारा कराये जाने को लेकर महिलायेें नाराज थी , उनका मानसिक , आर्थिक व सामाजिक शोषण हो रहा था जिसे बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा हमेशा निगाह में रखे हुए था और माकूल समय का इन्तजार कर रहा था कि कब समय बदले और फिजा का रूख देखकर कुछ किया जा सके। समय बदल गया है और कुछ करने का समय आ गया है और बीजेपी जानती है कि मुस्लिम महिलाओं ने उसके लिये उत्तर प्रदेश में इतना कुछ किया तो वह भी इस मौके को जाने नही देगी। उनके हालात बदले इसके लिये वह हर कदम उठायेगी जो पूर्वती सरकारों ने नही उठाया ।

संजय जोशी

केन्द्र सरकार जानती है कि हिन्दुस्तान का मुसलमान गद्दार नही हो सकता ,पूरी दुनिया उसे गलत साबित करने पर लगी है।बाहर से लोग आकर मुसलमान बताते है हिन्दू लडकियों को मुसलमान बनाते है और फिर यहां के मुसलमानों पर थोप देते है।कश्मीर घाटी, पश्चिम बंगाल ,पूर्वोत्तर राज्य इस बात के प्रमाण है कि बाहर से आये मुसलमानों ने यहां के मुसलमानों को बहलाकर कृत्य किया और आरोप लगवाकर चले गये। असम ,अरूणाचल ,सिक्किम व जम्मू इसी प्रयास का नतीजा है कि वहां अब बाहरी मुसलमान नही है। पश्चिम बंगाल में तीन लाख बांग्लादेशियों की पहचान हो चुकी है और कारवाई के लिये प्रेषित किया जा चुका है।बिहार, उत्तर प्रदेश व दिल्ली में इस काम को लेकर काफी उत्साह है और शीघ्र आधार कार्ड व कुटुम्ब रजिस्टर से बाहरी मुसलमानों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कारवाई करने के लिये प्रेषित कर दिया जायेगा।






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