सीओ साहब ने ‘सूखी नदी’ में चला दी नाव
मुजफ्फरपुर। ‘सूखी नदी’ में नाव चलवाने के मामले में गायघाट सीओ की गर्दन फंस गई है। बाढ़ खत्म होने के बाद भी सीओ ने नाव चलवा दी। सरकारी नाव भंडार की शोभा बढ़ाते रही और सीओ ने प्राइवेट नाव का उपयोग किया। अब आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी, वरीय उप समाहर्ता अवधेश कुमार आनंद ने सीओ की रिपोर्ट से मामले को पकड़ा है। अब इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए सीओ से जवाब मांगा गया है। जानकारी के अनुसार सीओ ने 24 सितंबर को दिये गये रिपोर्ट में 12 नाव चलाने की बात कही है। इसमें पांच सरकारी व सात प्राइवेट नाव शामिल हैं, जबकि सीओ ने पहले 45 सरकारी नाव भंडार में होने जानकारी दी थी। यहीं पर वरीय उप समाहर्ता का माथा ठनका। कि 24 सितंबर को बाढ़ खत्म हो गई तो नाव कैसे चली? उसमें भी सरकारी नाव होते हुए प्राइवेट का इस्तेमाल क्यों किया गया? अब विभाग बाढ़ के दौरान चलाई गई नाव की रिपोर्ट भी खंगालने पर भी विचार कर रहा है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में बड़ा ‘खेल’ होने की आशंका है। बाढ़ के दौरान फर्जी तरीके से नाव चलाकर राशि के गबन का मामला पहले भी सामने आ चुका है। एक बार फिर इसी तरह की गड़बड़ी किये जाने की चर्चा विभाग में चल रही है। वरीय उप समाहर्ता ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सीओ से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। with thanks from livehindustan.com
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