कटिहार में मानवता शर्माशार! पत्नी की लाश पॉलिथीन में बांध लटकाकर अस्पताल में काटा चक्कर
गरीबी का हवाला दिया, एंबुलेंस के लिए की विनती, नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल
कटिहार । बिहार के कटिहार जिले में सदर अस्पताल में तब मानवता शर्मसार होती दिखी जब डॉक्टरों की बेरूखी और उनकी हां-ना के चक्कर में पोस्टमार्टम के लिए शव को लेकर इधर-से-उधर भटकते रहे पीड़ित परिजन। शर्मनाक कर देने वाला वाकया है कटिहार के सदर अस्पताल का। कुरसेला में 11 दिन बाद मिली सिंटू की लाश का पोस्टामर्टम सदर अस्पताल में 24 घंटे बाद भी नहीं हुआ। ना-हां के चक्कर में लाश सदर अस्पताल के डाक्टरों ने पोस्टमार्टम नहीं किया। लाश को सदर अस्पताल के डाक्टर द्वारा रेफर किए जाने के बाद मृतक के परिजनों के पास लाश को भागलपुर ले जाना काफी मुश्किल हो गया।
परिजनों में मृतक के दादा महेंद्र साह, जोगेंद्र साह, अरबिंद साह, सुनील कुमार, अर्जुन कुमार और गांव के जनार्दन साह अस्पताल कर्मियों से लाश को ले जाने के लिए एंबुलेंस देने की विनती करते रहे। गरीबी का भी हवाला दिया लेकिन उनकी मानवता नहीं जगी। अंतत: परिजन लाश को पन्नी में बांध कर हाथों से उठाकर ले जाने लगे। लाश को सदर अस्पताल से लेकर गेट के बाहर तक ले गये। इसके बाद एक परिजन ने कटिहार शहर में अनानस बेचनेवाले कुरसेला के मित्र से पांच सौ रुपए मांगकर आॅटो में लाश रखकर चल दिए। लाश को एंबुलेंस नहीं मिलने से परिजन काफी परेशान रहे। कुरसेला थाना से पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे पुलिस पदाधिकारी सरोज कुमार पांडेय लाश को लेकर एसडीओ सुभाष नारायण के पास पहुंच गये। संबंधित पुलिस पदाधिकारी को सीजीएम कोर्ट जाकर प्रपत्र प्राप्त कर लाश को भागलपुर लेकर चले जाएं। मीडिया कर्मियों की सूचना पर सिविल सर्जन ने लाश को भागलपुर भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कर दी।
क्यों नहीं हो सका पोस्टमार्टम
कुरसेला पुलिस द्वारा पानी में डूबे सिंटू साह ( 21) और गोली लगी किसान की लाश रविवार की शाम चार बजे लाया गया। लाश का इंक्वेस्ट प्राप्त करते-करते पांच बजे गए। मौजूद डाक्टर ने कहा-पांच बज गये हैं बिना डीएम के आदेश का पोस्टमार्टम नहीं होगा। रात के नौ बजे तक पोस्टमार्टम करने में मदद करनेवाला लड़के की खोजबीन की गई। नौ बजे बाद गोली लगी किसान का लाश का पोस्टामर्टम कर दिया गया है। तब तक डाक्टर की ड्यूटी समाप्त हो गई। नौ बजे के बाद ड्यूटी में आये डाक्टर ने जब पानी में डुबी युवक की लाश का पोस्टमार्टम करने गये तो उसका पेट फटा हुआ देखा। पुलिस द्वारा भेजे गये पोस्टमार्टम प्रपत्र में केवल पेट का चमड़ा फटे रहने की बात लिखी हुई थी। डाक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम अभी नहीं हो सकता है। मौजूद तीन डाक्टरों में एक डाक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम सुबह आठ बजे कर देगें। सुबह आठ बजे डाक्टर ने कहा कि उनका समय समाप्त हो गया है। पोस्टमार्टम में मदद करनेवाला कर्मी नहीं हैं इसलिए पोस्टमार्टम नहीं कर सकते हैं। इसके बाद जो डाक्टर ड्यूटी पर पहुंचे उन्होंने लाश को सड़ा हुआ बताकर भागलपुर फोरेसिंक से जांच करवाने की बात कह उसे रेफर कर दिया। सोमवार को चार बजे तक लाश का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। लाश 4.15 मिनट पर पोलिथिन में बंदकर दो लोग दोनों तरफ तथा एक व्यक्ति बीच में पकड़कर ले जाने लगे। लोग कह रहे थे चौबीस घंटे तक लाश रखी रही अब कहते हैं रेफर भागलपुर कर रहे हैं। इतना सबकुछ होने के बाद भी इस घटना की जानकारी किसी अस्पताल कर्मी ने सिविल सर्जन को नहीं दी। इस घटना को लेकर बरारी विधायक नीरज यादव तथा जिला पदाधिकारी ललनजी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति नाराजगी जतायी है।
—लाइव हिस्दुस्तान से
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