तीन सप्ताह तक बिना यात्री के चलती रही ट्रेन, अधिकारियों को पता भी नहीं चला

kodarma
गया। गया से कोडरमा के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली डीएमयू पैसेंजर ट्रेन 6 से 28 मार्च तक तक बिना किसी यात्री के ट्रैक पर दौड़ती रही। पटरी पर खाली ट्रेन दौड़ती रही और रेलवे अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे यात्रियों को जहां काफी परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं रेलवे को भी हर दिन लाखों रुपए का नुकसान हुआ।
मानपुर स्टेशन पर ट्रेन का आॅफिशियल स्टॉपेज था, लेकिन इसे नहीं रोका जाता था। टनकुप्पा, पहाड़पुर, गुरपा आदि स्टेशनों पर इस ट्रेन का नियमित ठहराव किया जाता रहा, लेकिन पूरी ट्रेन के दरवाजे अंदर से बंद होने के कारण कोई यात्री सवार नहीं पाता था।
29 मार्च के बाद से सवार हुए यात्री
खाली ट्रेन के स्टेशन पर रुकने के बाद भी दरवाजा बंद होने के कारण लोग सवार नहीं हो पाते थे, जिसके कारण कई बार यात्रियों ने हंगामा किया। हंगामे के बाद 29 मार्च को गया जंक्शन के 9 नंबर प्लेटफॉर्म से इस ट्रेन पर यात्री सवार हुए। इसके साथ ही मानपुर स्टेशन पर यह गाड़ी नहीं रुकी। सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और रविवार को गया जंक्शन से इस ट्रेन के खुलने का समय रात 10:10 बजे है। छह मार्च से इस ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है, लेकिन हैरत यह कि 28 मार्च तक गया जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक को भी इसकी जानकारी नहीं थी कि इस ट्रेन को नियमित तौर पर चलाया जाना है और इसमें यात्री सवार होंगे।
29 मार्च को हंगामे के बाद स्टेशन प्रबंधक ने इस बारे में जानकारी ली, तब सामान्य रूप में इसका परिचालन हुआ और यात्री सवार हुए। सप्ताह में दो दिन अप में 73375 नंबर से शुक्रवार व शनिवार को तथा डाउन में 733376 नंबर से शुक्रवार एवं रविवार को विभिन्न स्टेशनों पर ठहराव कराते हुए परिचालन कराने का निर्देश जारी किया गया गया के स्टेशन प्रबंधक बृजनंदन प्रसाद ने कहा कि गया-कोडरमा के बीच डीएमयू ट्रेन का यात्री सुविधा के तहत परिचालन व ठहराव से संबंधित किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली। रख-रखाव के लिए गया आने के बाद इस ट्रेन को एमटी बनाकर कोडरमा के लिए चला दिया जाता था। इस संबंध में मानपुर स्टेशन को भी कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है। इंटरनेट पर जब उन्होंने ठहराव की सूचना को देखा, तब इसका परिचालन रविवार से कराया गया।






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