भाजपा और राजग के साथ समझौता कर सकते मांझी
पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ मिलकर हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (हम) बनाने वाले पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि राजद और जदयू छोड़कर बिहार विधानसभा चुनाव के पहले या बाद में भाजपा और राजग के साथ गठबंधन कर सकते हैं। नरेंद्र ने अपने आवास पर आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजद और जदयू छोडकर इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और राजग के दो घटक दलों लोजपा एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी के साथ गठबंधन और समझौता कर सकते हैं या फिर चुनाव बाद सरकार बनाने में एक-दूसरे के सहयोगी बन सकते हैं। मांझी का साथ दे रहे जदयू के कुछ अन्य बागी विधायकों के भाजपा की ओर झुकाव से ‘हम’ में शामिल विधायकों की एकजुटता पर उठ रहे प्रश्न तथा इस मोर्चा के आस्तित्व को लेकर मंडरा रहे संकट के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि जो विधायक जदयू में लौटना चाहते हैं या फिर भाजपा, राजद सहित अन्य दलों में जाना चाहते हंै वे उसके लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 20 अप्रैल को उनके मोर्चा की पटना में आयोजित होने वाली रैली के बाद हम द्वारा नए दल के गठन की घोषणा कर दी जाएगी। राजद के साथ जदयू का विलय होने जाने उनकी जदयू में वापसी के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसका प्रश्न ही नहीं उठता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाल में प्रधानमंत्री नरें्रद मोदी से हुई मुलाकात के बारे में सिंह ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री नरें्रद मोदी कल तक नीतीश के लिए घृणा के पात्र थे पर अब वे उनसे और भाजपा से अपने पुराने रिश्ते को जीवंत अपनी कुर्सी बचाने के लिए कर रहे हैं।
पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने नीतीश कुमार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, राजद प्रमुख लालू प्रसाद के शासनकाल को जंगलराज बताकर 15 सालों तक संघर्ष करने वाले नीतीश उनसे भी विलय की बात कर रहे हैं और यह विलय नहीं हो पाने पर भीतर ही भीतर मोदी से समझौता के लिए प्रयास में लगे हुए हैं। उन्होंने नीतीश पर आरोप लगाया, वह (नीतीश) यह दोहरी नीति बेहतर राजनीतिक सौदा होने के लिए लगे हुए हैं जो चरित्रहीनता और अवसरवादिता का परिचायक तथा लोकतंत्र का मजाक उडाना है। सिंह ने आरोप लगाया कि जदयू में रहकर भी नीतीश के निरंकुश व्यवहार और पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए वह लगातार संघर्ष करते रहे। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के आने वाले दिनों में जदयू के साथ किसी प्रकार के गठबंधन की संभावना से इंकार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि वह उनकी बातों से सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनकी पार्टी के कें्रदीय नेतृत्व द्वारा इस आशय का निर्णय लिए जाने पर उन्हें भी उसे स्वीकारने को विवश होंगे। उन्होंने निजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां खेती की जमीन अधिग्रहण का विरोध करते हुए कें्रद सरकार से भूमि अधिग्रहण बिल में इसके लिए आवश्यक संशोधन किए जाने की मांग की। पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने बिहार में लक्ष्य के अनुसार धान की खरीद नहीं हो पाने के मद्देनजर कें्रद सरकार से धान अधिप्राप्ति के लिए निर्धारित समय सीमा 31 मार्च को बढाकर 30 अप्रैल किए जाने की मांग है।
Related News
25 से 30 सांसदों की लालच में कांग्रेस ने लालू को अपना संगठन बेचा : प्रशांत किशोर
संवाददाता, मधुबनी : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधाRead More
जाति आधारित गणना के गर्भ से निकली थी महागठबंधन सरकार
अब सर्वे रिपोर्ट बताएगी उसकी ताकत —- वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार —- प्रदेश में जातिRead More
Comments are Closed