सांसद छेटी पासवान की लोकसभा सदस्यता हार्कोर्ट द्वारा रद्द होने से भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है.पासवान ने शपथपत्र में गलत सूचनायें दी थीं.
विनायक विजेता
छेदी पासवान के खिलाफ गंगा मिश्रा ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में लोकसभा चुनाव के दौरान हलफनामे में छेदी पासवान पर नामांकन के दौरान आपराधिक मामले छिपाने का आरोप लगा था. इस मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.गुरूवार को पटना हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति केके मंडल की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया.
न्यायमूर्ति के के मंडल की एकल खंडपीठ ने 2014 में लोकसभा के हुए चुनाव में सांसद द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे तथ्य छुपाने का दोषी पाकर उनकी सदस्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया। आवेदक गंगा मिश्र ने सांसद पर आरोप लगाया था कि तत्कालीन समय में उनपर एक आपराधिक मामला चल रहा था जिस अपराधिक तथ्य को छेदी पासवान ने अपने हलफनामे में छूपा दिया।
हाइकोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छेदी पासवान ने कहा कि वो इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। इधर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और छेदी पासवान से 2014 का चुनाव हारी मीरा कुमार ने दिल्ली से फोन पर बातचीत के क्रम में कहा कि न्यायपालिका का यह फैसला सासाराम की जनता और वहां के मतदाताओं की जीत है।
छेदी पासवान का राजनीतिक सफर
हाइकोर्ट के फैसले से चुनाव हारी ‘मीरा की पीड़ा’ कुछ कम हुई के सवाल पर मीरा कुमार ने कहा कि वो कभी पीड़ित नही रहीं न ही कभी हार से उन्हें कोई पीड़ा पहुंची। उन्होंने कहा कि उनका न्यायपालिका पर शुरु से ही अतिशय विश्वास रहा है और हाइकोर्ट के इस ताजा फैसले से उनका न्यायपालिका पर विश्वास और ज्यादा बढ़ गया है। गौरतलब है कि छेदी पासवान सर्वप्रथम 1989 और 1991 में मीरा कुमार को हराकर सांसद बने। इसके पूर्व वह 1985 से 1989 तक चेनारी से विधायक थे।
1996 में छेदी पासवान को भाजपा के मुनीलाल से पराजित होना पड़ा। छेदी पासवान 2000 से फरवरी 2005 तक पुन: चेनारी से विधायक रहे पर फरवरी 2005 में हुए विधानसभा का चुनाव हार गए। इसी वर्ष नवम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में वह मोहनिया से जदयू के टिकट पर चुनाव जीतकर राज्य सरकार में मंत्री बने। उन्होंने 2010 का चुनाव भी मोहनिया से जीता पर बाद में जदयू छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और सासाराम से लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव जीता।
पूर्व उपप्रधान मंत्री स्व. जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार जो पहली बार 1989 में अपने पिता के संसदीय क्षेत्र से किस्मत आजमाया वह 1985 में पहली बार बिजनौर से सांसद बनी थीं। 1996 में मीरा दूसरी बार सांसद बनी। 2004 और 2009 में वह सासाराम से कांग्रेस की सांसद चुनी गई। 3 जून 2009 को मीरा कुमार को लोकसभा की पहली महिला स्पीकर बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
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