जहां-जहां पहुंचा 'कन्हैया', वहां-वहां गांगाजल छिड़ककर किया शुद्धिकरण
बेगूसराय। जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार के शुक्रवार को जिले में आगमन पर जहां एक ओर AISF और भाकपा में उल्लास का माहौल देखने को मिला। वहीं, दूसरी ओर शनिवार को ABVP के द्वारा कन्हैया के आगमन का अनोखे तरीके से विरोध किया गया।
अनोखे तरीके से विरोध करते हुए ABVP कार्यकर्ताओं ने उन सभी जगहों पर गंगाजल का छिड़काव किया, जहां-जहां कन्हैया कुमार गए थे। ABVP कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले कन्हैया के सभास्थल पर हवन किया। उसके बाद ABVP कार्यकर्ता कॉलेजिएट स्कूल पहुंचे, जहां उन्होंने पूरे कैम्पस में गंगाजल छिड़का। कॉलेजिएट स्कूल के बाद ABVP कार्यकर्ता शहर में स्थापित उन महापुरुषों की प्रतिमाओं को भी गंगाजल से धोया, जिनको कन्हैया ने छुआ था। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया।
इस बारे में ABVP के मृत्युंजय वीरेश ने कहा कि, कन्हैया देशद्रोही हैं और उसके बेगूसराय आगमन से बेगूसराय की धरती अपवित्र हुई है। उन्होंने कहा कि, कन्हैया ने महापुरुषों को छूकर उन महापुरुषों को न सिर्फ अशुद्ध किया है, बल्कि उनके मान सम्मान को भी कलंकित किया है।
AISF की राज्य कन्वेनर ने सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर खबर वायरल होते ही प्रतिक्रिया में AISF की राज्य कन्वेनर अमृता कुमारी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए बताया कि, यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, वो बेशक ऐसा कर सकते हैं। पर, इससे उनकी रुग्ण मानसिकता का पता चलता है। यह वही जातिवादी मानसिकता है, जो छुआछूत को सही ठहराती है, जो कहती है कि मंदिर में दलितों के प्रवेश से मंदिर अपवित्र हो जाता है।
गंगाजल से महापुरुषों को ‘पवित्र’ करने वालों की मानसिकता ही अपवित्र
कुमारी अमृता ने कहा कि, कन्हैया राजद्रोही हैं की नही ये बाद की बात है, लेकिन अगर वह महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं, तो इससे महापुरुष अपवित्र कैसे हुए। महापुरुष पर गंगाजल चढ़ाने से महापुरुष नहीं, बल्कि गंगाजल धन्य होता है। दरअसल, गंगाजल से महापुरुषों को ‘पवित्र’ करने वालों की मानसिकता ही अपवित्र है।
इस बारे में ABVP के मृत्युंजय वीरेश ने कहा कि, कन्हैया देशद्रोही हैं और उसके बेगूसराय आगमन से बेगूसराय की धरती अपवित्र हुई है। उन्होंने कहा कि, कन्हैया ने महापुरुषों को छूकर उन महापुरुषों को न सिर्फ अशुद्ध किया है, बल्कि उनके मान सम्मान को भी कलंकित किया है।
AISF की राज्य कन्वेनर ने सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर खबर वायरल होते ही प्रतिक्रिया में AISF की राज्य कन्वेनर अमृता कुमारी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए बताया कि, यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, वो बेशक ऐसा कर सकते हैं। पर, इससे उनकी रुग्ण मानसिकता का पता चलता है। यह वही जातिवादी मानसिकता है, जो छुआछूत को सही ठहराती है, जो कहती है कि मंदिर में दलितों के प्रवेश से मंदिर अपवित्र हो जाता है।
गंगाजल से महापुरुषों को ‘पवित्र’ करने वालों की मानसिकता ही अपवित्र
कुमारी अमृता ने कहा कि, कन्हैया राजद्रोही हैं की नही ये बाद की बात है, लेकिन अगर वह महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं, तो इससे महापुरुष अपवित्र कैसे हुए। महापुरुष पर गंगाजल चढ़ाने से महापुरुष नहीं, बल्कि गंगाजल धन्य होता है। दरअसल, गंगाजल से महापुरुषों को ‘पवित्र’ करने वालों की मानसिकता ही अपवित्र है।
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