पिता करते हैं राजमिस्त्री का काम, बेटा बन गया आईआईटियन
पटना। प्रतिभा मजबूरियों के आगे पस्त नहीं होती है इसे साबित कर दिखाया है निशांत भास्कर ने। तमाम विपरीत परिस्थितियों से लड़के हुए निशांत ने आईआईटी की परीक्षा पास की है। पिता गांव में राजमिस्त्री का काम करते हैं। निशांत भास्कर पटना के ‘सुपर-30’ में रहकर आईआईटी की तैयारी करता था। इस सफलता से निशांत के परिवार में खुशी का माहौल है। आईआईटी की परीक्षा में निशांत को 2256 रैंक आया है। सफलता हासिल करने के बाद निशांत ने कहा कि हमारा बचपन नक्सलियों के गढ़ में बिता है। हमेशा उनलोगों का खौफ मेरे मन में रहता था। गांव में दूर-दूर तक कोई प्राइवेट स्कूल नहीं था। सरकारी स्कूल में पढ़ने जाता था। अखबार पढ़ने का शौक था। लेकिन गांव में सिर्फ दो लोगों के घर ही न्यूज पेपर आता था। इसलिए सरकारी स्कूल में पेपर पढ़ने जाता था।
अखबार से ही जाना ‘सुपर-30’ के बारे में
निशांत हर दिन अखबार पढ़ने के लिए एक स्कूल में जाता था। पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी कि वे घर पर अखबार मंगवाते। उसी दौरान उसे सुपर 30 के बारे में जानकारी मिली। फिर इसमें दाखिला के लिए तैयारी शुरू कर दी। पिता अखिलेश प्रसाद सिंह आज भी राजमिस्त्री का काम करते हैं। निशांत का गांव गया जिले के टेकारी में है। इस बार सुपर 30 के 30 में से 28 छात्रों ने आईआईटी पास किया है। with thankx from http://hindi.eenaduindia.com
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