महिलाओं के बाद अब किसानों को लुभाने निकलेंगे नीतीश कुमार
नरेंद्र मिश्रा, पटना
बिहार के सीएम नीतीश कुमार मिशन 2019 के अगले चरण में अब किसानों को टारगेट करेंगे। शराबबंदी के पक्ष में पूरे देश में माहौल बनाने के अभियान को शुरू करने के बाद अब वह किसानों के बीच जाएंगे। इसकी शुरुआत पुणे के किसानों के बीच से करेंगे। सूत्रों के अनुसार, इस महीने के अंत में पुणे में वह किसानों के बीच सभा करेंगे। इसमें वह किसानों की आत्महत्या और मिनिमम सपॉर्ट प्राइस को मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगे। इन मुद्दों के साथ वह दूसरे राज्य भी जाएंगे।
जेडीयू सूत्रों के अनुसार, शराबबंदी के बहाने महिला और अब किसान को राडार में रखते हुए नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में विकल्प बन कर उभरेंगे। जेडीयू महासचिव केसी त्यागी के मुताबिक, अभी इसे राजनीति से जोड़ना जल्दबाजी होगा। लेकिन सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में अपना दांव लगाने के लिए बारी-बारी अपना पत्ता खोल रहे हैं। कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय राजनीति में आने की अपनी मंशा साफ करते हुए सभी गैर बीजेपी दलों को एकमंच पर आने का आग्रह करते हुए संघ मुक्त भारत का नारा दिया था।
के सी त्यागी के अनुसार, 17 जून को दिल्ली में जेपी मूवमेंट से जुड़े नेताओं के साथ नीतीश कुमार की मीटिंग होगी। उसी दिन पुणे में किसान सभा की डेट भी फाइनल होगी। पुणे में नीतीश कुमार प्याज उत्पादक किसानों की दशा का मुद्दा उठाएंगे। इस बार उनकी पार्टी संसद में भी इस मुद्दे को उठाएगी। पुणे के बाद नीतीश कुमार की महाराष्ट्र में ही विदर्भ, मराठवाड़ा के किसानों के बीच जाने के अलावा उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश के किसानों के बीच जाने की योजना है।
इस कार्यक्रम को अगले कुछ दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इससे पहले वह शराबबंदी के समर्थन में माहौल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान का दौरा कर चुके हैं। नीतीश कुमार के करीबियों के अनुसार महाराष्ट्र में किसानों के बीच जाने के पीछे शरद पवार की भी सहमति होगी। शरद पवार पहले ऐसे बड़े नेता रहे हैं, जिन्होंने माना था कि 2019 में नीतीश कुमार पीएम पद के उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश का चुनाव भी है टारगेट में
किसानों के मुद्दे के साथ नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश में भी दो से तीन सभा करेंगे। जेडीयू इस बार उत्तर प्रदेश का चुनाव बड़ी तैयारी के साथ लड़ने की योजना बना रही है। ऐसे में शराबबंदी के बाद किसानों के मुद्दे के साथ भी वह यहां अपना फोकस रखेंगे। इसके अलावा नीतीश बीजेपी शासित प्रदेशों में सेंध लगाने की अधिक कोशिश कर रहे हैं।
महिला और ग्रामीण वोटर हैं टारगेट पर
नीतीश के करीबी सूत्रों के अनुसार वह मिशन 2019 में महिला के साथ ग्रामीण और किसान वोटरों को टागरेट करने की कोशिश कर रहे हैं। शराबबंद और किसानों के मुद्दे के लिए लड़ाई लड़ उन वोटरों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। बिहार में नीतीश की बड़ी जीत में महिला वोटरों का बड़ा योगदान था। दरअसल नीतीश कुमार को पता है कि शहरी वोटरों में बिहार के बाहर पैठ बनाना उनके लिए बहुत कठिन हो सकता है। (साभार : नवभारतटाइम्स.कॉम)
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