लालू की नयी राजनीति का पर्याय बनीं मीसा

misha bharati patna elected for rajysabhaपटना. देश की राजनीति में परिवारवाद कोई नया शब्द नहीं है। कोई भी राजनीतिक दल इससे अछूता नहीं है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर उनके विरोधियों ने एक बार फिर परिवारवाद का संपोषण करने का आरोप लगाया है। वजह यह है कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी डा. मीसा भारती को राजद कोटे से राज्यसभा भेजा है। वहीं विश्लेषकों की मानें तो डा. भारती को राज्यसभा भेजकर श्री प्रसाद ने अपने नये राजनीतिक मुहिम की शुरूआत कर दी है। हालांकि डा. भारती को राज्यसभा भेजा जाना इतना आसान नहीं था। राजद में पुराने और दिग्गज नेताओं की भारी भीड़ और उनकी अपेक्षाओं के कारण कयास लगाया जा रहा था कि मीसा भारती को इस बार भी राज्यसभा जाने का अवसर शायद ही मिले। बीच में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को राज्यसभा भेजे जाने संबंधी कयासबाजी भी हुई। लेकिन अंतत: लालू प्रसाद ने मीसा भारती के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

विश्लेषकों की मानें तो ऐसा कर श्री प्रसाद एआईडीएमके के तर्ज पर राजनीति कर रहे हैं। एआईडीएमके प्रमुख करूणानिधि ने सुबाई और केंद्र की राजनीति के लिए द्विस्तरीय मोर्चाबंदी की है। मीसा भारती के नाम पर मुहर लगाने की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि राजद युवाओं की पार्टी के रूप में अपनी छवि बना रहा है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के बाद अब केंद्र में राज्यसभा सांसद के रूप में मीसा भारती को भेजने से युवाओं में पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ेगी।

इससे पहले मीसा भारती ने वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था और लंबे समय तक राजद के कद्दावर नेता रहे रामकृपाल यादव से करीब पचास हजार के मतों के अंतर से हार गयी थीं। हालांकि इस हार की सबसे बड़ी वजह उनके अपनों की निष्क्रियता रही।

बहरहाल मीसा भारती का यह कथन कि वे वर्ष 2019 में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से फिर चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी, साबित करता है कि राजनीति को लेकर उनकी सोच क्या है और उनकी योजना क्या है। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्यसभा हो या लोकसभा या फिर कोई और मंच, जनता की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है और यह उन्हें उनके माता-पिता से संस्कार के रूप में मिला है। with thankx from अपना बिहार






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