जिससे सगे भाइयों को आती थी शर्म, उसी ने गाड़े सफलता को झंडे

MonikaDas-Bihar-Trangender.pngकभी घर में उन्हें उपेक्षित समझा जाता था। ट्रांसजेंडर होने की वजह से भाइयों को उनसे शर्म आती थी। बचपन तानों के बीच गुजरा। बचपन में कोई दोस्ती नहीं करता था। सब मिलकर मजाक उड़ाते थे। लेकिन आज 24 साल की मोनिका दास देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर हैं।
पटना। कभी घर में उन्हें उपेक्षित समझा जाता था। ट्रांसजेंडर होने की वजह से भाइयों को उनसे शर्म आती थी। बचपन तानों के बीच गुजरा। बचपन में कोई दोस्ती नहीं करता था। सब मिलकर मजाक उड़ाते थे। लेकिन आज 24 साल की मोनिका दास देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर हैं।
आत्मविश्वास से लबरेज
चेहरे पर मुस्कान और आत्मविश्वास से लबरेज मोनिका दास देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर हैं। वे पटना के हनुमान नगर स्थित सिंडिकेट बैंक में क्लर्क हैं। अक्टूबर 2015 में उन्होंने बैंक ज्वाइन किया था। आज बैंक में उनकी अलग पहचान है। उनके अफसर कहते हैं कि एक क्लर्क के तौर पर वे बेहतरीन काम कर रही हैं।
क्लास-मेट उड़ाते थे मजाक
मोनिका ने बताया कि ट्रांसजेंडर होने की वजह से उन्हें बचपन में काफी जिल्लत झेलनी पड़ी, यहां तक कि उनके भाई भी काफी नाराज रहते थे। वे लोग बात भी नहीं करते थे। खासतौर से स्कूल के दिनों में, जब क्लास-मेट मजाक उड़ाते थे तो यह उनके लिए किसी हादसे से कम नहीं होता था। स्कूली दिनों को यादकर वे बताती हैं कि उनकी पर्सनालिटी लड़कियों जैसी थी। मोनिका के मुताबिक काफी पहले से उनका मन लड़कियों की तरह रहने को करता था। वे दिखने में सुंदर थीं, हालांकि चाल-ढाल और बोलचाल लड़कों जैसी थी।
डिगा नहीं आत्मविश्वास
मोनिका ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे तीन साल की थीं तब पड़ोसियों को उनके ट्रांसजेंडर होने की जानकारी हुई। वे थोड़ी बड़ी हुईं तो इस वजह से कोई उनसे दोस्ती नहीं करता था। मोनिका के पिता ने उनका नाम गोपाल रखा था
वे अपने स्कूल में सबसे अलग-थलग रहती थीं। क्लास-मेट ताने देते थे, जिससे वे बहुत आहत होती थीं। खूब रोती थीं। मगर इन सब के बावजूद उन्होंने आत्मविश्वास कायम रखा और अपना ध्यान पढ़ाई में लगाए रखा। बाद में उन्होंने अपनी ट्रांसजेंडर आइडेंटी के साथ जीने का फैसला किया।
काफी पढी लिखी हैं मोनिकाmonika trancejender first bankar from patna bihar
पिता ने उनका हौसला देख सोसायटी के तानों से बचाने के लिए नवोदय विद्यालय में एडमिशन करवा दिया गया। यहां उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। उन्होंने ग्रैजुएशन पटना यूनिवर्सिटी से किया। मोनिका ने पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी की भी डिग्री ली है।
सेल्स टैक्स अधिकारी थे पिता
उनके पिता भगवान दास ढोली सेल्स टैक्स अफसर थे, जबकि मां अनीमा रानी भौमिक बीएसएनएल की रिटायर्ड एम्प्लॉई हैं। मोनिका के दो भाई बैंक में हैं और दो प्राइवेट नौकरी करते हैं।
भारत में ट्रांसजेंडर्स की स्थिति
भारत में अभी ट्रांसजेंडर्स के लिए कोई कानून नहीं है। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने उन लोगों को ह्यथर्ड जेंडरह्य कहा था जो न तो मेल हैं और न ही फीमेल। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह यह तय करे कि थर्ड जेंडर को भी वोटर कार्ड, पासपोर्ट समेत सभी सरकारी फैसिलिटीज मिलें।साथ ही सरकार से ट्रांसजेंडर्स को ह्यसोशियली एंड इकोनॉमिकली बैकवर्डह्य मानने को कहा गया था, ताकि ऐसे लोगों को शिक्षा व नौकरियों में कोटा दिया जा सके।






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