नकल करते-कराते 500 से अधिक परीक्षार्थी और अभिभावक गिरफ्तार

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पटना। कदाचार मुक्त मैट्रिक परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित कराने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशों के बाद प्रदेश के 20 जिलों में नकल करते 143 परीक्षार्थियों, नकल कराने के प्रयास में लगे 341 अभिभावकों को आज गिरफ्तार किया गया है जबकि नकल कर रहे 197 परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित किया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि प्रदेश के 20 जिलों से प्राप्त आंकडों के मुताबिक नकल करते 143 परीक्षार्थी, नकल कराने के प्रयास में लगे 341 अभिभावक आज गिरफ्तार किए गए जबकि नकल कर रहे 197 परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित किया गया। जुर्माने के रूप में इन सभी से तीन लाख 70 हजार 500 रूपये राशि वसूली गयी है।
इसबीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री उपें्रद कुशवाहा ने बिहार में मैट्रिक परीक्षा में बडेÞ पैमाने पर हो रहे कदाचार पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसको लेकर उनका मंत्रालय राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब कर कदाचार मुक्त परीक्षा के आयोजन के लिए प्रदेश सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। वैशाली जिला, जहां मैट्रिक परीक्षा में बडेÞ पैमाने पर कदाचार की शिकायत मिली थी, में नकल कराने के प्रयास में लगे 150 अभिभावक और रिश्तेदारों को विभिन्न परीक्षा केंद्रों के बाहर गिरफ्तार किया गया।
गत 17 मार्च से प्रदेश में जारी मैट्रिक परीक्षा में जिले में स्कूल भवन के चौथे तल्ले तक दीवारों पर चढ़कर परीक्षार्थियों के अभिभावक, रिश्तेदार और सहयोगियों को अपने-अपने उम्मीदवारों को खिड़कियों के माध्यम नकल कराते समाचार पत्रों में फोटो प्रकाशित होने के साथ समाचार चैनलों में उसे दिखाया गया था। इसके बाद कल वैशाली जिला के महनार में दो परीक्षा कें्रदों में आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। सहरसा और नवादा जिला के एक-एक परीक्षा केंद्रों पर भी कदाचार की शिकायत मिलने पर वहां भी आयोजित परीक्षा को रद्द किए जाने का कल निर्णय लिया गया।
गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि प्रदेश के कुल 40 पुलिस जिलों में मात्र बीस के आंकडे अभी तक प्राप्त हुए हैं। सभी जिलों से आंकडेÞ प्राप्त होने पर नकल करने वाले छात्रों और नकल कराने का प्रयास करने वाले अभिभावकों की गिरफ्तारी तथा नकल करते पकडेÞ गए निष्कासित परीक्षार्थियों की संख्या के एक हजार से अधिक पहुंच जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि कदाचार मुक्त परीक्षा के आयोजन के लिए वैशाली और नवादा जिलों में बिहार सैन्य बल के जवानों को भी लगाया गया है।
पटना स्थित अधिवेशन भवन में आज द्वितीय बिहार उद्यमिता सम्मेलन का उद्घाटन करने के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि परीक्षा में कदाचार के कारण जगहंसाई हुई है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने जैसे ही कदाचार से संबंधित एक चित्र देखा, तुरंत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कदाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निदेश दिया। सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कांन्फ्रेसिंग कर कदाचर मुक्त परीक्षा संचालन के लिए कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कदाचार से सर्टिफिकेट तो मिल जायेगा, मगर ज्ञान नहीं प्राप्त होगा। कदाचार से कोई लाभ नहीं होगा। बिहार में जारी मैट्रिक की परीक्षा में बडेÞ पैमाने पर हो रहे कदाचार के कारण देश भर में आलोचना हो रही है। बिहार के शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव आर के महाजन में पीटीआई-भाषा को बताया कि कदाचारमुक्त परीक्षा के आयोजन से संबंधित निर्देश का आज व्यापक असर दिख रहा है। परीक्षा केंद्रों के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गयी है और जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्वयं गश्त कर रहे हैं। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों से कल शाम विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनसे बात की थी तथा नकल पर रोक सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया था। बिहार में गत 17 मार्च से जारी मैट्रिक की परीक्षा में 14.26 लाख परीक्षार्थी 1217 केंद्रों पर परीक्षा दे रहे हैं तथा यह परीक्षा आगामी 24 मार्च को संपन्न होगी। इसबीच कें्रदीय शिक्षा राज्य मंत्री उपें्रद कुशवाहा ने बिहार में मैट्रिक परीक्षा में बडे पैमाने पर कदाचार पर गहरी चिंता व्यक्त की। पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुशवाहा ने बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही के बयान पर उनपर प्रहार करते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने सही कहा है कि अगर मंत्री कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन नहीं करा सकते तो उन्हें शिक्षा मंत्री के पद को छोड देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शाही अगर अपने को इस लायक नहीं समझते वे अन्य के लिए मार्ग प्रशस्त करें।     वहीं राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि परीक्षा में कदाचार संबंधी मीडिया में आयी तस्वीरों और मंत्री के बयान से देश भर में बिहार की छवि खराब हुई है। पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग की महत्ता को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे शाही को उस विभाग के मंत्री पद से हटाएं और सीधे उसे अपने नियंत्रण में लें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में स्कूलों में आधारभूत संरचना की कमी, गुणवत्तापूर्वक शिक्षा के अभाव और शिक्षकों को दो तरह का वेतन भुगतान के कारण उनमें उत्साह की कमी की वजह से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के चौपट होने से निराशा छात्र और अभिभावक इसतरह का मार्ग अपनाने को विवश होते हैं।






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