10 साल की मेहनत में 80 साल की उम्र में लिखी पांच भाषाओं की एक डिक्शनरी
बिहार कथा
छपरा। प्रतिभा समय की मोहताज नहीं होती जैसे ही उसे मौका मिलता है वो बाहर आ जाती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया पेशे से सरकारी शिक्षक रहे बद्रीनारायण पांडे ने जिनकी अडिग इच्छा शक्ति एक बहुपयोगी शब्दकोष के रूप में सामने आई है। जिसका लाभ पूरे शिक्षा जगत को होगा। 1998 में रिटायर होने के बाद से ही बद्रीनारायण पांडेय ने अपनी सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। 10 सालों तक मेहनत के बाद इसमें कामयाबी मिली। पांच भाषाओं का एक शब्दकोश ‘ए फाइव लैंग्वेज कंसाइज डिक्शनरी ‘ की रचना की। इस डिक्शनरी की खासियत है कि इसमें एक ही शब्द के लिए हिंदी, संस्कृत, पर्सियन, अंग्रेजी व जर्मन भाषा में समानार्थी शब्द व उसके अर्थ संकलित है। शहर के हरदन बासु लेन निवासी बद्रीनारायण पांडेय बताते हैं कि उन्होंने इस डिक्शनरी में कुल 3787 शब्दों को शामिल किया है। 324 पन्नों वाली इस डिक्शनरी में ऐसे 624 शब्दों को शामिल किया गया है जो अर्थ और वर्ण विन्यास के स्तर पर भी समान है।
श्री पांडेय को इसका आइडिया पीजी की पढ़ाई के दौरान उस समय आया जब उन्हें ब्लूफिल्ड की पुस्तक लैंग्वेज पढ़ने का मौका मिला। पुस्तक में जर्मन, पर्सियन भाषा के साथ ही संस्कृत सभ्यता का बोध हुआ। उसी रचना से प्रेरित होकर उन्होंने बहुभाषी शब्दकोष का संकलन करने की ठानी। शुरुआत में कोई प्रकाशक नहीं मिलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई लेकिन स्थानीय प्रकाशक माधव मुद्रणालय ने ए जिम्मा उठाया और प्रकशित किया।
80 वर्ष के बद्री नारायण पांडेय में अभी भी अपनी डिक्शनरी को अपग्रेड करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शब्दों की संख्या 10 हजार तक करेंगे और इसमें फ्रेंच, इटालियन और अरबी भाषा को भी शामिल करेंगे। दिल्ली-वाराणसी से इसकी प्रतियों की मांग हो रही है। जर्मन दूतावास बद्रीनारायण के इस प्रयास की तारीफ कर चूका है। वे कहते है अगर बिहार के विश्वविद्यालय में फॉरेन लैंग्वेज की पढ़ाई होती तो निश्चित ही उनकी डिक्शनरी की मांग बिहार में खूब होती। from eenaduindia.com
Related News
मणिपुर : शासन सरकार का, ऑर्डर अलगावादियों का
(नोट : यह ग्राउंड रिपोर्टिंग संजय स्वदेश ने 2009 में मणिपुर में इंफाल, ईस्ट इम्फालRead More
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां सुलोचना वर्मा (फेसबुक से साभार) आज महान फिल्मकार सत्यजीतRead More
Comments are Closed