जीरादेई के शरद ने ऊंचा किया बिहारियों का सिर, फोर्ब्स की सर्वश्रेष्ठ उद्यमियों की सूची में नाम
राजेश कुमार राजू.
बिहार कथा. सीवान। बिहारी प्रतिभा ने एक बार फिर दुनिया में डंका बजाया है। मशहूर अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया के 30 साल से कम उम्र के 30 सर्वश्रेष्ठ सामाजिक उद्यमियों में बिहार के शरद सागर को शामिल किया है। बिहार के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी बिहारी को फोर्ब्स पत्रिका में स्थान मिला है। मूल रूप से सीवान के जीरादेई निवासी शरद सागर के पिता विमलकांत प्रसाद स्टेट बैंक में कार्यरत हैं। चार साल तक घर में रहकर पढ़ाई करने वाले शरद ने पटना के संत डोमिनिक से 12वीं तक पढ़ाई की। 12वीं के बाद वे शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। इनकी इकलौती बहन वर्षा भी छात्रवृत्ति पर ही अमेरिका में पढ़ाई कर रही हैं।
फोर्ब्स ने यह सूची चार जनवरी को जारी की है। पत्रिका के पास 15 हजार नाम आए थे। पत्रिका की ओर से प्रकाशित इस सूची में दुनिया के अरबपतियों, निवेशकों, हॉलीवुड अभिनेताओं, संगीतकार व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के संस्थापक व सामाजिक कार्यकतार्ओं को शामिल किया गया है। 30 साल से कम उम्र के लोगों में 24 वर्षीय शरद सागर अभी अंतरराष्ट्रीय राजनीति व कूटनीति विषय की पढ़ाई अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं। साथ ही वे 2008 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक व सीईओ भी हैं। इस सूची में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के अलावा नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसफजई को भी शामिल किया जा चुका है।
सागर के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि इनके जीवन का लक्ष्य अगली पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर के साथ कनेक्ट करने का है। इनकी संस्था डेक्सटेरिटी ग्लोबल, शैक्षिक प्लेटफॉर्म की एक प्रणाली है जो दक्षिण एशियाई देशों के उच्च विद्यालयों व मध्य विद्यालयों के साथ काम करती है। इससे पहले शरद को वर्ष 2013 में रॉकेफेलर फाउंडेशन ने इस शताब्दी के 100 सर्वश्रेष्ठ सामाजिक उद्यमियों की सूची में शामिल किया था। मई 2015 में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपनी उद्यमिता पाठ्यक्रम में शरद व उनके विचारों का चित्रण किया था।
फोर्ब्स की सूची में शामिल होना सम्मान की बात: शरद
मैं वास्तव में पुरस्कारों व सम्मान का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं। कितना अच्छा कर रहे हैं, पुरस्कार या सम्मान इसके सूचक हैं न कि लक्ष्य। हालांकि, फोर्ब्स की सूची में शामिल होना सम्मान की बात है। हर बच्चे को शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और इसके लिए हर दिन कड़ी मेहनत करता रहूंगा।
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