आरा. ये दिलचस्प मामला है सिर्फ पांच किलो धान की चोरी का। आपको जानकर भले ही ताज्जुब हो, पर पिछले 17 साल से इस चोरी का केस चल रहा है और मामले में अबतक 250 लोग जेल जा चुके हैं। जबकि, विवाद में दो की जान भी जा चुकी है। 18 फरवरी 1998 को बिहार के आरा जिले के एक गांव में हुई इस चोरी में विवाद के बाद पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। पसौर गांव के अयोध्या सिंह के खलिहान से पांच किलो धान चोरी करने का आरोप गांव के वीरा मुसहर पर लगा। धान मालिक ने वीरा को तीन दिनों तक बंधक बनाकर रखा व पिटाई के बाद 21 फरवरी को पुलिस के हवाले कर दिया। वीरा के पक्ष के लोग भी ताव में आ गए, लेकिन दोनों पक्ष अब मामले में सुलह करना चाहता है।
…गलती का एहसास कर रोता है वीरा
धान चोरी के आरोपी वीरा मुसहर का कहना है कि 18 फरवरी की उस काली रात को याद कर रोने लगता हूं। छोटी सी गलती का दंड मेरे परिवार व समाज को ऐसे भुगतना पड़ेगा, सोचा नहीं था। कई वर्षों तक जेल में भी रहना पड़ा। जिंदगी में ऐसी गलती दोबारा करने की सोच भी नहीं सकता।
10 सालों तक खेतों को नहीं मिले मजदूर
धान के मालिक अयोध्या सिंह ने बताया कि घटना के बाद मेरे खेतों में मजदूरी के लिए कोई तैयार नहीं था। दस वर्षों तक फसलें नहीं उगीं। खाने के लाले पड़ गए थे। भरण-पोषण में काफी मुश्किल हुई। गांव का एक बच्चा तक बात नहीं करना चाहता था। अब हमसब मिल-जुलकर रहते हैं।
पास जाकर देखा तो मर चुके थे पति
मृतक दिनेश्वर पासवान की पत्नी गुलजारी कुंवर ने कहा कि उस दिन पांच घंटे तक गोली चलती रही। लोग इधर-उधर भाग रहे थे। पुलिस ने मेरे पति दिनेश्वर पासवान को गोली मार दी थी। अंधेरा होने पर पुलिस वाले चले गए। देखा कि मेरे पति मर चुके थे। from bhaskar.com
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