बिहार में नरेंद्र मोदी की हार के हैं पांच बड़े मायने

narendra modi, ramdhari singh dinkar arvind mohan bihar kathaनई दिल्ली। बिहार में सभी 243 सीटों के रुझान आ चुके हैं। खबर लिखे जाने तक नीतीश का महागठबंधन 155 सीटों पर आगे दिख रहा है। जबकि मोदी की एनडीए 77 सीटों पर आगे चल रही है। इस तरह नीतीश कुमार के पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ होता दिख रहा है। वहीं महागठबंधन में राजद हमें जदयू से आगे आते दिख रही है। बिहारी की जनता ने जो फैसला किया है, उसका काफी प्रभाव केंद्र की राजनीति पर पड़ने वाला है। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो बिहार बेहद अहम राज्य है और देश में राजनीति की एक नई दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।
मोदी की हार के यह हैं पांच मायने
1. उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां भाजपा को मुश्किल हो सकती है।
2. बिहार चुनाव के परिणामों के बाद मोदी विरोधी राजनीति का तेजी से ध्रुवीकरण होगा ओर इसके केंद्र में नीतश कुमार होंगे।
3. दिल्ली के बाद बिहार में लगातार दूसरी बड़ी हार से भाजपा के अंदर भी मोदी विरोधी खेमा सक्रिय हो सकता है।
4. बिहार में प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को भी फिर से अपनी राजनीतिक जमीन तलाश करने में मदद मिलेगी।
5. अमित शाह, जिनके हाथों में बिहार चुनाव की कमान थी, के खिलाफ विरोध के सुर तेज होंगे। 2017 में अमित शाह के दोबारा अध्यक्ष पद के रास्ते में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।






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