चुनौती की कसौटी पर लालू के दो पुत्र

lalu-yadav_son_s_tejpratap tejaswiआनंद मिश्रा. राघोपुर/महुआ (वैशाली)। दुनिया के सबसे पुराने गणतंत्र और लिच्छवियोंं की राजधानी वैशाली में दो सीटों पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दो पुत्र अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहांं लालू की राजनीतिक विरासत दांव पर है और राजग इन दोनों सीटों पर जदयू के बागी एवं वर्तमान विधायकों को उतारकर चुनावी चौसर पर दोनों स्टार पुत्रों को चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राघोपुर और महुआ में इन दोनों सीटों पर 28 अक्तूबर को तीसरे चरण के दौरान मतदान होना है । यहां पर नेताओं के दल बदलने के कारण इन दोनों सीटों पर मतदाताओं एवं पार्टी कैडरों में भ्रम की स्थिति दिखती है। पिछले 15 वर्ष के दौरान जदयू और राजद इन दोनों सीटों पर आमने सामने के मुकाबले में रहे। लेकिन इस विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मतभेदों को भुलाकर आपस में हाथ मिला लिया। इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में नरेन््रद मोदी की अगुवाई में भाजपा नीत राजग ने राज्य की 40 सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की। दो धुर विरोधियों के बीच सुलह का नतीजा है कि राजग को जद :यू्: के ही दो बागी विधायकों को लालू पुÞत्रों से दो..दो हाथ करने के लिए मैदान में उतारना पड़ा। लालू के पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी यादव इस मुकाबले में अपने पिता के यादव वोट बैंक और चाचा नीतीश कुमार पर निर्भर हैं । महुआ सीट पर तेज प्रताप को हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के उम्मीदवार रवीं्रद राय की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जबकि राघोपुर से तेजस्वी यादव के सामने सतीश कुमार हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित किया था। राघोपुर और महुआ में यादव मतदाता काफी संख्या में हैं और इसी आधार पर 2010 में जदयू ने यादव प्रत्याशी के रूप में राय और सतीश को चुनाव में उतारा था। दोनों ने चुनाव में जीत दर्ज की और सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को पराजित किया। राजद समर्थकों का दावा है कि लालू और नीतीश के साथ आने से राजद अध्यक्ष के दोनों पुत्रों को फायदा मिल रहा है। राजद नेता ऐसी बातें भी फैला रहे हैं कि अगर महागठबंधन चुनाव जीतता है तब लालू के पुत्रों में से किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। राजद प्रमुख ने हालांकि इसे तवज्जो नहीं दी है। राघोपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि वे क्षेत्र के लिए समय नहीं देंगे। न्होंने वादा किया कि वह लोगों का काम करने के लिए स्थायी रूप से यहां रहने को तैयार हैं। दोनों क्षेत्रों में प्रचार के दौरान नीतीश ने कहा था कि प्रताप और तेजस्वी न केवल लालू के पुÞत्र हैं बल्कि ‘मेरे उम्मीदवार’ हैं।

राघोपुर में उन्होंंंने अपने समर्थकों से सतीश कुमार को खदेड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि आप तेजस्वी की जीत सुनिश्चित करें और मैं राघोपुर का विकास देखूंगा। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सतीश कुमार ने हालांकि कहा कि जदयू का क्षेत्र में कोई कैडर आधार नहीं है। उन्होंने कहा, पिछले चुनाव में मेरे लिये भाजपा कार्यकर्ताओं ने काम किया, हालांकि मंै जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहा था। इस बार मैं राजग उम्मीदवार हूं। इस बार भाजपा कार्यकर्ता मेरे लिए और पुरजोर तरीके से काम करेंगे। अक्तूबर 2005 के चुनाव में राबड़ी देवी ने सतीश कुमार को हराया था।
बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए सतीश कुमार ने कहा, ‘‘ नीतीश कुमार ने अपनी प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा के कारण भाजपा से गठबंधन तोड़ा और जंगलराज के प्रतीक माने जाने वाले लालू प्रसाद से हाथ मिलाया। लोग लालू के वंशवाद को वोट नहीं देंगे । ’’
राघोपुर में नीतीश की रैली के बाद राजग के मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे सुशील मोदी की रैली में जुटी भीड़ तेजस्वी के लिए चिंता का विषय हो सकती है। प्रतिद्वन्द्वी लालू के पुत्रों पर उनकी शैक्षणिक योग्यता और ठाठ..बाठ वाली जीवन शैली को लेकर निशाना बना रहे हैं। यहां सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी के 17 लाख रुपए की मोटरसाइकिल का जिक्र किया जिसका उल्लेख उनके चुनावी हलफनामे में है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने मतदाताओं से पूछा कि क्या उनके पास इतनी महंगी बाइक है।
लालू के प्रतिद्वन्द्वी यह भी सवाल पूछते हैं कि अगर राजद अध्यक्ष अपने पुत्रों को ही पढ़ा नहीं पाए तब वे बिहार के लिए क्या करेंगे। तेजस्वी दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ते थे लेकिन नौंवी कक्षा से आगे नहीं पढ़ पाए।  लालू और राबड़ी पर निशाना साधते हुए लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान ने कहा कि राघोपुर ने दो मुख्यमंत्री लालू और राबड़ी दिये लेकिन इन दोनों ने अपने क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया। महुआ में हिन्दुस्तान आवास मोर्चा के उम्मीदवार रवीन्द्र राय को महादलितों पर काफी भरोसा है। राबड़ी देवी इस सीट पर तेज प्रताप की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। लालू का जोर राघोपुर सीट पर है और ऐसी खबरें चर्चा में हंै कि लालू, तेजस्वी को बागडोर देना चाहते हैं। राघोपुर और महुआ दोनों सीटों पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग और महादलितों की अच्छी खासी आबादी है।






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