हथुआ में त्रिकोनीय मुकाबले के आसार!
हम से उम्मीदवार महाचंदर को बाहरी मान रहे हैं मतदाता
चुनाव से पहले असमंजस में पड़े हैं लोग
उपर कास्ट इस बर महाचंदर को जीताने के लिए एकजुट
बिहार कथा, हथुआ।
हथुआ विधानसभा में इस बार मतदाता असमंजस में हैं। हालांकि अभी यहां पूरी स्थिति नामांकन के बाद क्लियर होगी। लेकिन स्थानीय मतदाताओं से बातचीत यह बात उभर कर आती है कि वे अभी दुविधा में हैं। ऐन मौके पर जो लहर बनेगी, उससे उनके प्रभावित होने की संभावना ज्यादा है। इधर एनडीए गठबंधन में यह सीट हम के खाते में जाने से भाजपा के उन नेताओं में खासी नराजगी थी जो टिकट के दावेदारी में थे। मजेदार बात यह है कि भाजपा की ओर से टिकट के अधिकर अपर कास्ट के दावेदार अब महाचंदर के समर्थन खुल कर आ चुके थे। जब टिकट की घोषणा हुई और सीट पर महाचंदर सिंह के नाम की घोषणा हुई तो वे बगाावत के मूड में थे। लेकिन राजनीति के चतुर खिलाड़ी डा. महाचंदर ने बड़ी ही सूझबूझ ने बागी तेवर वाले दिग्गजें को साध लिया। वरिष्ठ भाजपा नेता
बिनोद कुमार सिंह कहते हैं कि हमे गठबंधन की मजबूरी समझनी चाहिए। हथुआ की सीट हम के खाते में जाने से थोड़ी निराशा तो हुई, लेकिन अब कोई मनमुटाव वाली बात नहीं है। वहीं कृष्णा शाही का भी कहना है कि अब जंगलराज पार्ट टू को आने से रोकना है तो जनता के हक में कुछ समझौते करने ही पड़ते हैं। वैसे भी राजेश कुमार सिंह यदि निर्दलीय लड़ेंगे तो निवर्तमान विधायक यानी जदयू के उम्मीदवार रामसेवक सिंह का ही वोट काटेंगे।
रामसेवक के पास कौन-सा एजेंड़ा?
हथुआ के मौजूदा विधायक जदयू के रामसेवक सिंह कहते हैं कि अबकी वे चौथी बार जीतेंगे। भाजपा गठबंधन की अंदरूनी लड़ाई से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमने जनता के लिए क्षेत्र में ढेरों काम किया है। जनता का आशीर्वाद मिल रहा है। आगे और भी काम करना है। इस बार हथुआ में घर-घर बिजली और घर घर पानी के एजेंडे पर वोट मांगने वाले रामसेवक सिंह यह जानते हैं कि यह एजेंड़ा पार्टी है। हथुआ के लिए उनका अपना एजेंडा क्या है पूछने पर कहते हैं-इलेक्श्न थोड़ा और नजदीक आने दीजिए, फिर बताएंगे।
क्या हथुआ के विश्व पटल पर लाएंगगे डा. महाचंदर?
हथुआ में आप किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेगे के सवाल पर डा. महाचंदर सियासत के मजे हुए खिलाड़ी की तरह ही बड़ा बादा करते हुए जवाब देते हैं कि हथुआ में इतना विकास होगा कि यह विश्व के नक्शे पर आ जाएगा। सब मिलजुल कर सहयोग करेंगे। हथुआ के लिए हम पुराने नहीं है। तीन पीढ़ीयों से रिश्ता है। पूरा एजेंड़ा विकास का है।
महाचंदर के बाहरी होने का मुद्दा
राजद का दामन छोड़ कर भाजपा में आने वाले पूर्व विधायक प्रभुदयाल सिंह के भतीजे राजेश कुमार सिंह को भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद थी। लेकिन टिकट कटने पर उन्होंने खुलेआम बगावत कर दी। गांव-गांव में कार्यकर्ताओं की बैठक कर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्हें उम्मीद है कि कोइरी बाहुल्य इलाके में एनडीए के भूमिहार उम्मीदवार से वोटों का धुव्रीकरण होगा और उन्हें लाभ मिल सकता है। वहीं अन्य जानकार कहते हैं कि राजेश कुशवाहा कोइरी और पिछड़े मतों को ही काटेंगे। लिहाजा, माहौल महाचंदर के पक्ष में धुव्रीकरण हो सकता है। लेकिन महाचंदर के बाहरी होने का मुद्दा इस विधानसभा में जोर शोर से उछलेगा। लिहाजा हथुआ में लड़ाई त्रिकोणिय होने के आसार हंै।
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