सुरक्षित विधानसभा की 11 सीटों की ऐसा है सियासी समीकरण
पटना: आगामी विधानसभा के चालीस सुरक्षित (38 एससी व 2 एसटी) सीटों में 11 ऐसी हैं जहां पिछले चुनाव में प्रतिद्वंदियों ने विजई प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दी थी। खासकर गरखा, पीरपैंती, मसौढ़ी, मोहनियां, चेनारी, इमामगंज, मनिहारी व राजनगर ऐसी सीटें हैं जहां जीत का अंतर पांच फीसदी से भी कम है। मौजूदा सुरक्षित विधानसभा सीटों के आंकड़ों पर गौर करें तो जदयू 20, भाजपा 19 और राजद के पास एक सीट है। इनमें जदयू की पांच सीटें सकरा, धुरिया, राजपुर, चेनारी और इमामगंज ऐसी हैं जहां उसे 2005 में भी सफलता मिली थी। इसी प्रकार भाजपा की तीन सीटें रानीगंज, बनमखी और राजगीर ऐसी हैं जहां के विधायक अगले चुनाव में बाजी मार सकते हैं। चार सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र बोचहां, पातेपुर, फुलवारी और सिकंदरा के सीटिंग विधायकों ने पार्टी बदलकर अपनी सीटें बरकरार रखी। 2005 में विधानसभा की सुरक्षित सीटों की संख्या 39 थी। इनमें 7 सीटों को समाप्त कर शेष को सुरक्षित की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। इसका सबसे ज्यादा घाटा राजद को हुआ। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ और वह 2010 के चुनाव में सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में मात्र एक पर सिमटकर रह गई। 2010 में 40 सुरक्षित सीटों पर हुए चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हुआ उसकी संख्या छह से बढ़Þकर 19 हो गई। जबकि जदयू को 11 सीटों का फायदा हुआ। उसकी संख्या नौ से बढ़Þकर 20 हो गई।
पार्टी बदलकर सीट बरकरार रखने वाले विधायक
संसदीय क्षेत्र 2005 2010
बोचहां(सुरक्षित) रमई राम (राजद) रमई राम (जदयू)
पातेपुर (सुरक्षित) महेंद्र बैठा(लोजपा) महेंद्र बैठा (भाजपा)
फुलवारी (सुरक्षित) श्याम रजक(राजद) श्याम रजक (जदयू)
सिकंदरा (सुरक्षित) रामेश्वर पासवान(लोजपा) आर पासवान (जदयू)
पिछले दो विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) में सीटों की स्थिति
विधानसभा चुनाव 2005
सुरक्षित विधानसभा सीटों की संख्या -39
किसको कितनी सीटें मिलीं
जदयू-09, भाजपा-06, राजद-12, राकांपा-01, सीपीआई (एमएल) (एल)-02, कांग्रेस-03, निर्दलीय-01 सीपीआई-01, लोजपा-04
विधानसभा चुनाव 2010
सुरक्षित विधानसभा सीटों की संख्या -40, एससी-38, एसटी-02
किसको कितनी सीटें मिलीं
भाजपा-19, जदयू-20, राजद-01
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