केंद्र ने दिखाया ठेंगा, बिहार में मनरेगा-इंदिरा आवास का काम ठप

manregaपटना। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्रियों के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र से इंदिरा आवास योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की राशि नहीं मिली है। इसके कारण दोनों योजनाएं राज्य में ठप पड़ गई है। मंत्री शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री राशि दिलाने के बजाए राजनीति कर रहे हैं। इसे बिहार की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में मनरेगा के मद में केंद्र से 2200 करोड़ रुपए मिलने थे। इसके एवज में 1100 करोड़ रुपए ही मिले हैं, जबकि चालू वित्तीय 2015-16 के दो महीने से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक फूटी कौड़ी नहीं मिली है। इसके कारण राज्य में मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ है। लोग एक बार फिर पलायन को मजबूर हैं। यही हाल इंदिरा आवास योजना का भी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत 2.80 लाख आवास देने का भौतिक लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन अभी तक प्रथम किस्त की राशि भी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि पहले इंदिरा आवास योजना पर राज्य सरकार को 25 फीसद राशि ही देनी होती थी और केंद्र सरकार 75 फीसद राशि देती थी। परंतु केंद्र सरकार ने इस में बदलाव करते हुए 50-50 फीसद कर दिया है। इससे बिहार जैसे गरीब राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़Þेगा। हम केंद्र सरकार से इस भेदभावपूर्ण नीति को तत्काल बदलने और पूर्व की भांति राशि आवंटित करने की मांग करते हैं। केंद्र सरकार राज्यों के साथ नाइंसाफी बंद करे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैं भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को पत्र लिखने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार के साथ लगातार हकमारी कर रही है। इस हकमारी के खिलाफ बिहार सरकार चुप बैठने वाली नहीं है। इसका विरोध तो केंद्र सरकार के पास करेंगे ही साथ ही इस मुद्दे को जनता के बीच भी ले जाएंगे। कुमार ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार 2022 तक सभी गरीबों को आवास देने की बातें कर रही है। दूसरी तरफ लगातार आवासों में कटौती भी जा रही है। इससे योजना पर कुप्रभाव पड़ना लाजमी है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूर्व की भांति इंदिरा आवास योजना पर केंद्रांश के रूप में 75 फीसद राशि देने की मांग की है।






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com