कॉमिक्स का भी क्या दौर था
*****यादों के झरोखों से*****
*एनाएतुल्लाह “नन्हे”*
*बिहार कथा | सीवान*
कॉमिक्स की दुनिया भी अजीब थी, इतनी मजेदार और रोचक की उसे पढ़ते-पढ़ते इस ब्रह्माण्ड मे रहते हुए भी दूसरे ब्रह्माण्ड मे पहुँच जाता था ! किसी “स्वप्नलोक” और “इंद्रजाल” से कम नही थी “कॉमिक्स” की दुनिया ! इसका दौर 80 के दशक मे काफी जोरों पर था ! हम बच्चे “कॉमिक्स” पढ़ने मे इतना लीन हो जाते थे की खेलना भी भूल जाते थे और तो और “कॉमिक्स” खत्म करने के चक्कर मे खाना-पीना का कोई टाईम टेबल भी नही रहता था ! “कॉमिक्स” की दुनिया का सुपर स्टार “चाचा चौधरी” आज भी लोगों के दिलो दिमाग से जाता नही क्यू के जिस दौर मे कम्प्यूटर नही था उस दौर मे “चाचा चौधरी” का दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज चलता था ! “साबू” उनका बॉडी गार्ड था ! “पिंकी” जहाँ काफी नटखट थी वहीँ “नताशा” काफी चुलबुली ! “बिल्लू” तो इतना स्मार्ट की उसके बाल के स्टाइल आज भी मुझे पसन्द है आज तक “बिल्लू” के दोनो आँख किसी ने नही देखा, क्यू के उसके बालों से दोनो आँख ढके जो रहते थे ! “ढब्बू जी” और “पिंकलु” भी उसके समकक्ष थे ! बलवान कार्टून मे “राका” “फौलादी सिंह” “महाबली शेरा” “टार्ज़न” “डोगरा” “सुपर कमांडो ध्रुव” “अग्नि पुत्र अभय” “महाबली शाका” “फैंटम” “सुपर पॉवर विक्रांत” “शहतान मनु” आदि थे तो पेट मे गुदगुदी करने के लिए हास्य कार्टून मे प्रसिद्ध थे “तेनाली राम” “अकबर बीरबल” ” “लम्बू मोटू” “चाचा भतीजा” “मोटू छोटू” “पोपट चौपट” “बांके लाल” ” “श्रीमती जी” “भाग्यवान” “मामा भांजा” “बाल भास्कर” “राजन इकबाल” तो वहीं विलेन अर्थात गुंडा मे “डाकू खूंटा सिंह” प्रसिद्ध था तो भुत प्रेत वाली “कॉमिक्स” मे “सन्नो चुड़ैल” बहुत डरावनी थी ! इसके अतिरिक्त “मकड़ी रानी” “किंग कोबरा” “बैट मैन” “स्पाइडर मैन” “नागराज” आदि भी काफी दमदार किरदार थे ! “कॉमिक्स” के दिवाने उस जमाने मे पाई-पाई जो जेब खर्च के लिये मिलते थे जमा कर के पेट को काट कर “कॉमिक्स” जरूर खरीदते थे !
Related News
मणिपुर : शासन सरकार का, ऑर्डर अलगावादियों का
(नोट : यह ग्राउंड रिपोर्टिंग संजय स्वदेश ने 2009 में मणिपुर में इंफाल, ईस्ट इम्फालRead More
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां सुलोचना वर्मा (फेसबुक से साभार) आज महान फिल्मकार सत्यजीतRead More
Comments are Closed