बिहार में राजनीतिक जमीन वापस पाने की तैयारी में कांग्रेस

बिहार के गांवों में घर-घर जाएंगे कांग्रेसी, राहुल गांधी ने दिया है टास्‍क

पटना। बिहार कांग्रेस के बड़े नेता अगले महीने से गांवों की खाक छानेंगे और प्रत्येक ग्रामीण के दरवाजे पर दस्तक देंगे। कोशिश होगी, परिवार के मुखिया व सदस्यों से उनकी समस्या जानी जाए और उन्हें पार्टी की नीतियों, भविष्य के कार्यक्रम की जानकारी देकर कांग्रेस के नजदीक लाया जाए। अभी कुछ समय पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2020 विधानसभा चुनाव जीतने वाले बिहार के विधायकों के साथ ही बिहार के अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता और कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने बिहार में संगठन की कमियों की चर्चा करते हुए पार्टी नेताओं को आठ महीने में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने का टास्क दिया था। इस बैठक में राहुल ने कहा था कि वे तीन-तीन महीने के अंतराल पर पार्टी की प्रगति रिपोर्ट लेने के लिए नेताओं के साथ संवाद करेंगे।

राहुल गांधी के दिए टास्क को पूरा करने की कवायद अब पार्टी में शुरू हो गई है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा बताते हैं कि पार्टी ने गांव, पंचायत व प्रखंड स्तर पर संगठन को विस्तार देने, लोगों को कांग्रेस की नीतियों से अवगत कराने और उन्हें वापस कांग्रेस की ओर लाने की रणनीति बनाई है। पूर्व में 25 जुलाई से ग्रामीण क्षेत्र में कूच करने की योजना थी, लेकिन विधानमंडल सत्र को देखते हुए अगस्त महीने के प्रारंभ में यह अभियान शुरू होगा।

प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ सभी विधायक, सांसद के साथ ही अन्य नेताओं को दायित्व सौंपा गया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप करें और कुछ दिन ग्रामीणों के साथ बिताएं। अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमारी योजना 2024 के लोकसभा चुनाव में वापस अपनी खोई जमीन हासिल करने की है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत हम ग्रामीणों से उनकी स्थानीय समस्याओं पर भी बात करेंगे, साथ ही उन्हें मोदी सरकार की नीतियों की वजह से देश में आई मंदी की मार से लेकर सरकार की अन्य खामियों से भी अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि एक अगस्त तक पार्टी अपने प्रस्तावित कार्यक्रम की रूपरेखा जारी करेगी।






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