जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें हैं खाली !
जोड़–तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें हैं खाली !
पटना। कैबिनेट विस्तार के साथ ही राज्य सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत 31 सदस्य हो गए। नियमों के मुताबिक मंत्रियों की संख्या अधिकतम 36 हो सकती है। इस हिसाब से अभी पांच जगह और खाली है। माना जा रहा है कि इसे बाद में जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए बचाकर रखा गया है। जदयू ने निर्दलीय सुमित सिंह (Sumit Singh) और बसपा के जमां खान (Jama Khan) को मंत्रिमंडल में शामिल किया है, जबकि लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार का भी इंतजार है। नीतीश कुमार से उनकी दो-तीन मुलाकात भी हो चुकी है। बात बनने की खबरें भी आ चुकी हैं।
पाला बदलने वालों के लिए भी गुंजाइश
इसी तरह रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की भी नीतीश कुमार से तीन-तीन बार बात-मुलाकात हो चुकी है। जदयू की ओर से दावा किया जा चुका है कि जल्द ही दोनों दल एक होने वाले हैं। जदयू के साथ रालोसपा के विलय की बात कही जा रही है। कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर हाल में इसका खंडन भी नहीं किया है। जदयू ने जिस तरह से दूसरे दलों से आए नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है, उससे माना जा रहा है कि रिक्त रखी गई पांच सीटों को रणनीति के तहत बचाकर रखा गया है। सत्तारूढ़ दल इसका इस्तेमाल भविष्य में कर सकते हैं।
पिछले सप्ताह ही असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआइएमआइएम (AIMIM) के बिहार में जीते सभी पांचों विधायकों ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। पांचों के पाला बदलने की बात कही जाने लगी थी। बिहार में बसपा के जीते एकमात्र विधायक जमां खान और निर्दलीय सुमित सिंह को राज्य सरकार में शामिल कर नीतीश कुमार ने दूसरे दलों के असंतुष्ट विधायकों को रास्ता दिखाया है और अपनी पार्टी के लिए संभावनाएं भी बचाकर रखी हैं। with thanks from jagran.com
Related News
25 से 30 सांसदों की लालच में कांग्रेस ने लालू को अपना संगठन बेचा : प्रशांत किशोर
संवाददाता, मधुबनी : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधाRead More
जाति आधारित गणना के गर्भ से निकली थी महागठबंधन सरकार
अब सर्वे रिपोर्ट बताएगी उसकी ताकत —- वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार —- प्रदेश में जातिRead More
Comments are Closed