झारखंड : फेडरेशन ऑफ झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स का क्षेत्रीय अधिवेशन संपन्न ,औधोगिक विकास पर बनी सहमति
देवघर : फेडरेशन ऑफ़ झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रवीण जैन के नेतृत्व में स्थानीय होटल के सभागार में संथाल परगना क्षेत्रीय अधिवेशन आयोजन किया गया।
जिसका विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि एसपियाडा के क्षेत्रीय निर्देशक शैलेंद्र कुमार लाल ,झारखंड चैम्बर के अध्यक्ष प्रवीण जैन , संथाल परगना चैम्बर के उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।कार्यक्रम में झारखंड के 6 जिला के 10 चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी व डेलीगेस सम्मिलित हुए।इस अधिवेशन में संताल परगना क्षेत्र का व्यापक विकास की संभावनाओं पर चर्चा की गई।जिसमे बारी बारी से सभी डेलीगेटस ने क़ृषि वानिकी और फ़ूड प्रोसेसिंग , तसर क्लस्टर, पेडा क्लस्टर, फिशरिस क्लस्टर, लोहरगिरी क्लस्टर, लाह-चूड़ी एवं सिंदूर क्लस्टर आदि पर अपनी विचार रखे।साथ ही सूक्ष्म एवं ग्रामीण उद्योग द्वारा लोगों को स्वरोजगार क्षेत्र से जोड़ने व आगे बढ़ाने पर बल दिया गया ।
झारखण्ड चैम्बर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि झारखण्ड में एक नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी प्रस्तावित है और इसके लिए उपलब्ध ट्रांसपोर्टिंग कनेक्टिविटी के मद्देनजर देवघर-दुमका राजमार्ग के पास जगह उपयुक्त है। देवघर से दुमका की ओर यदि सरकार 1000-1200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराकर इस वर्ष प्रस्ताव दे देती है तो अगले 6 साल में यहां नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ खड़ी हो जाएगी। राज्य सरकार को इस सम्बंधित प्रस्ताव शीघ्र बनाकर केंद्र को भेजना चाहिए।वही देवघर चैम्बर के अध्यक्ष रवि केशरी ने संथाल परगना क्षेत्र में आईआईटी खोले जाने पर अपना विचार रखा।उन्होंने कहा संथाल परगना में शैक्षणिक हब होने से अग्रेतर शिक्षा के लिए हो रहे पलायन पर रोक लगेगा।
इस मौके पर व्यापारियों ने कहा देवघर में वर्षों से एलोकेटेड अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का काम लंबित है। औद्योगिक विकास में सबसे बड़ी बाधक एसपीटी एक्ट है, जिस कारण कोई भी उद्योग लगा पाना संभव नहीं है। जरुरत है सरकार इच्छाशक्ति दिखाए और इस एक्ट में जरुरी संशोधन करे। यह भी कहा गया कि संताल परगना औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संताल परगना के 9-10 स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित हैं। जिसमे जसीडीह, देवीपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। किंतु सरकार के ढुलमूल रवैये के कारण यहां निवेशक नहीं आ रहे है। अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न जिलों के चैम्बर पदाधिकारीयों ने झारखण्ड चैम्बर के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा को अपने जिले की समस्याओं से सम्बंधित ज्ञापन भी दिया। जिसपर उन्होंने सभी मुद्दों पर कार्रवाई की बात कही।
चैम्बर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि राज्य सरकार, स्टेकहोल्डर्स और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दूरदर्शी पहल से टुरिज्म और होटल उद्योग को विकसित किया जा सकता है। इससे संताल परगना में अधिकाधिक रोजगार का सृजन संभव है। व्यापारियों के सुझाव पर उन्होंने कहा कि संताल परगना औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि के लिए अपार संभावनाओं का क्षेत्र है, केंद्र सरकार के वित्त, वाणिज्य और उद्योग तथा एमएसएमई मंत्रालय और राज्य सरकार मिलकर इस क्षेत्र को गोवा और पुर्वोत्तर राज्यों की तरह झारखण्ड के संताल परगना को स्पेशल इकोनॉमिक जोन घोषित करे।
बैठक में झारखण्ड चैम्बर के उपाध्यक्ष किशोर मंत्री, कोषाध्यक्ष परेश गट्टानी, कार्यकारिणी सदस्य सोनी मेहता,प्रदीप बाजला,संजय मालवीय, अमित किशोर, शैलेश अग्रवाल, अमित शर्मा, आनंद साह, हनुमान केशरी,राजकुमार बर्णवाल,आदित्य मल्होत्रा, विकास विजयवर्गीय, डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह ,प्रमोद सारस्वत, ब्रजेश कुमार, शशांक भारद्वाज, रोहित पोद्दार सहित सैकड़ों डेलीगेट सम्मिलित हुए थे।
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