कर्ज से दबे किसानों के भाग्य से खेल रहे अधिकारी
गोपालगंज : ओलावृष्टि तथा बारिश में किसानों की फसल इस बार 90-100 फीसदी तक बरबाद हुई। जिन किसानों ने कर्ज लेकर गेहूं की खेती की थी, उनकी लागत भी डूब गई। फसल की कटनी में लगनेवाली राशि की भी भरपाई नहीं हो पाई। फसल क्षतिपूर्ति में अधिकारियों ने ब्लॉक में बैठ कर किसानों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया. जिन किसान ने बैंक से केसीसी लेकर गेहूं की खेती की थी, उन्हें फसल बीमा की राशि से उम्मीद थी। जिले के किसानों ने बैंकों से 98 करोड़ की राशि लेकर गेहूं की फसल लगाई थी। कर्ज में डूबे किसानों के भाग्य से अधिकारी खेल रहे हैं।
60 गांवों की फसल कटनी रिपोर्ट शनिवार तक जिला सांख्यिकी विभाग को उपलब्ध नहीं हुई। बता दें कि राज्य सरकार ने 31 मई को पूरे राज्य से फसल कटनी रिपोर्ट की अंतिम तिथि निर्धारित की है. 31 मई तक जिले से रिपोर्ट नहीं गई, तो किसान फसल बीमा की राशि से वंचित हो जाएंगे। फसल कटनी प्रयोग की रिपोर्ट पांच प्रखंडों ने समय पर जमा की है. जिन प्रखंडों की रिपोर्ट आ गई है, वहां के किसानों को फसल बीमा की राशि मिलने की उम्मीद जगी है. इनमें थावे, भोरे, पंचदेवरी, मांझा के किसानों को रिपोर्ट जाने से बेहतर उम्मीद की जा रही है।
Related News
जन सुराज अगर दल बनता है तो जिसकी जितनी संख्या है उसको उतना मालिकाना हक मिलेगा : प्रशांत किशोर
जन सुराज ने आयोजित किया जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म शताब्दी समारोह वैशाली में बोलेRead More
‘बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत और बढ़े हुए बिल से परेशान ‘
बिहार के गांवों में बिजली तो पहुंच गई है, लेकिन लोग बिजली के गलत औरRead More
Comments are Closed