विधायकों का सपना: नाली, गली और नल

वीरेंद्र यादव की पोलिटिकल डायरी 

प्रदेश में नयी सरकार बनने और विधान सभा की पहली बैठक के बाद विधायक लोग अपने-अपने क्षेत्र में पहुंच गये हैं। तीन दिनों की छुट्टी के बाद मंगलवार को विधान सभा सचिवालय खुल रहा है। इसके बाद विधायकों की पटना वापसी होगी। शुक्रवार को विधान सभा की बैठक स्‍थगित होने के बाद छुट्टी ही रही। इसलिए अध्‍यक्षीय कार्यालय में भी किसी काम की शुरुआत ठीक से नहीं हुई है। अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा के आप्‍त सचिव के पद पर सुनील तिवारी की नियुक्ति हो गयी है और उन्‍होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। विजय सिन्‍हा जब श्रम संसाधन मंत्री थे, तब भी सुनील तिवारी उनके आप्‍त सचिव थे। श्री तिवारी बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। विधान सभा सचिवालय की प्रमुख कार्यसूची में विधान सभा की समितियों का गठन है। विधान सभा की 27 समिति हैं। इन समितियों के अध्‍यक्ष और सदस्‍य का मनोनयन प्रमुख कार्य हैं। समितियों के अध्‍यक्ष पर विधायकों की संख्‍या के आधार पर हिस्‍सेदारी मिलती है। सभी विधायक किसी न किसी समिति के सदस्‍य होते हैं। समिति का सदस्‍य के रूप में उन्‍हें महीने में 60 हजार रुपये का दैनिक भत्‍ता मिलता है। 40 हजार रुपये वेतन के मद में और 10 हजार रुपये कार्यालय खर्चे के रूप में विधायकों को प्रतिमाह मिलते हैं।
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विधायकों की प्राथमिकता
आज हमने अपने-अपने क्षेत्र में जनसंपर्क में जुटे विधायकों से बातचीत करने की कोशिश की। वाल्‍मीकिनगर से जदयू के टिकट पर दूसरी बार निर्वाचित धीरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि पिछले कार्यकाल के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे। सिंचाई, शिक्षा और विकास उनकी प्राथमिकता होगी। वे कहते हैं कि पिछले कार्यकाल के विधायक फंड की पूरी राशि का इस्‍तेमाल कर लिया था। पिछली बार वे निर्दलीय विधायक थे।
कल्‍याणपुर से निर्वाचित राजद के मनोज यादव कहते हैं कि वे पहली बार निर्वाचित हुए हैं। उनके पिता यमुना यादव 1990 से 2000 तक सीपीआई के केसरिया से विधायक हुआ करते थे। मनोज यादव ने खुद लंबा संघर्ष किया है। कई बार विधान सभा का चुनाव लड़ कर चुके हैं। इस बार निर्वाचित हुए हैं। वे कहते हैं कि जनसंघर्ष से निकलकर विधान सभा की यात्रा तय की है। व्‍यवस्‍था में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार को दूर करना उनकी प्राथमिकता होगी।
नरपतगंज से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए हैं जयप्रकाश यादव। पुलिस इंस्‍पेक्‍टर से रिटायर्ड होकर 2015 में भाजपा में शामिल हुए थे और इस साल विधायक बन गये। वे कहते हैं कि यह इलाका बाढ़ प्रभावित रहा है। बाढ़ से लोगों को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। रोड, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य उनकी प्राथमिकता होगी।
लौकहा से निर्वाचित राजद के भारत भूषण मंडल वरिष्‍ठ समाजवादी और हरियाणा के पूर्व राज्‍यपाल धनिक लाल मंडल के पुत्र हैं। वे कहते हैं कि बिजली, सड़क और पानी ही उनकी प्राथमिकता होगी।
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