बिहार में कैसे हो रही है कोरोना की जांच सुनिए एक पीडित की जुबानी
Durgesh Yadav
मैं खुद 5 दिनों से अस्वस्थ हूं बॉडी का टेंपरेचर 99 से 101 डिग्री फॉरेनहाइट के बीच रह रहा है । मेरे साथ काम करने वाले 3अन्य साथी भी अस्वस्थ थे लेकिन वे तीनों अभी ठीक हो गए हैं ।
5 दिन बाद खांसी भी शुरू हुआ है मुझे लगा कि मुझे अपना जांच करा लेना चाहिए
अपना जांच कराने के लिए मैं पहले 104 नंबर पर फोन लगाया हर बार आपका स्वागत है कहा गया मेरा समस्या जानने के बाद यह कहा गया कि आप लाइन पर बने रहें हम आपकी कॉल डॉक्टर के पास ट्रांसफर कर रहे हैं लेकिन कभी भी डॉक्टर से बात नहीं हुआ ।
देखते-देखते मैं सोचा कि हॉस्पिटल ही जाकर जांच करा लेता हूं पहले आईजीएमएस गया कहा गया कि यहां पर सिर्फ 40 सीट है और हम पहले एडमिट करते हैं उसके बाद जांच करते हैं अभी आप को एडमिट नहीं कर सकते हैं सीट नहीं है आपको एनएमसीएच जाकर जांच करा लेना चाहिए ।
मैं वहां से एनएमसीएच गया एनएमसीएच गया तो वहां कहा गया कि अभी सामान्य आदमी का जांच नहीं हो रहा है किट खत्म हो गया है ।
तो हम सोचे कि हम पटना एम्स के तरफ बढ़े उसके पहले ही हम एम्स पटना के वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर फोन किए यह जानने के लिए कि वहां जाने पर जांच होगा या नहीं किसी ने फोन नहीं उठाया ।
उसके बाद पीएमसीएच में पदस्थापित एक परिचित डॉक्टर के पास फोन किया कि हम जांच कराना चाहते हैं पीएमसीएच में जांच हो जाएगा उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में अभी जांच नहीं हो रहा है आप किसी प्राइवेट लैब में जांच करा लीजिए ।
हम प्राइवेट लैब में फोन लगाएं कि हम जांच कराने के लिए कब आए उन्होंने कहा कि हमारे पास भी किट नहीं है मंगलवार को फोन कीजिएगा तो हम बताएंगे कि आपका जांच कब होगा ।
आप समझ लीजिए मेरी कहानी से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति क्या है अब मैं खुद को दुनिया से अलग कर लिया हूं ।
भगवान ना करे किसी को बुखार भी हो ।
यदि किसी को बुखार हो जाएगा तो वह तो ज्यादा टेंशन में नहीं रहेगा लेकिन उसके परिजन किस मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है ।
(दुर्गेश यादव इंजीनियर हैं, गोपागलंज के पंचदेवरी ब्लॉक के रहने वाले हैं. इन दिनों पटना में रहते हैं.)
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